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गोरखपुर: प्रॉपर्टी के लालच में हुई थी दिव्यांग की जिंदा जलाकर हत्या, सगा भाई और चाचा निकले हत्यारोपी

गोरखपुर के चौरीचौरा में दिव्यांग को 27 लाख रुपये के लालच में जिंदा जलाकर मार डाला गया था. आरोपियों ने इस मामले में गांव के प्रधान को फंसाने की साजिश भी रची थी. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

Gorakhpur : गोरखपुर के चौरी चौरा थाना क्षेत्र के देवीपुर गांव में 31 जुलाई की रात को दिव्यांग सुरेश यादव को जिंदा जलाकर मार डाला गया था. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि दिव्यांग सुरेश यादव की हत्या उसके सगे भाई ,चाचा और दो चचेरे भाइयों ने की है. संपत्ति के लिए उसकी हत्या की गई है. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया.

इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी नार्थ मनोज अवस्थी और एएसपी/ सीओ चौरी चौरा मानुष पारीक ने बताया कि 31 जुलाई की रात में दोनों पैर से दिव्यांग सुरेश यादव की जलाकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उसके सिर पर हमला करने के बाद उसे जलाकर मारा गया है. मौके पर पुलिस को देसी शराब की शीशी व खून के धब्बे मिले थे. वही दिव्यांग की बहन ने पूर्व प्रधान लाल बचन पासवान पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.

सीसीटीवी फुटेज और सर्विस लांस की मदद से मिली सफलता

जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विस लांस की मदद से जांच शुरू की तो मामला खुलकर सामने आया. संपत्ति की लालच में दिव्यांग सुरेश यादव की हत्या उसके सगे छोटे भाई योगेंद्र, चाचा रामजीत, चचेरे भाई महेंद्र और पन्ने लाल ने मिलकर की थी. पुलिस द्वारा पूछताछ में रामजीत ने बताया कि सड़क के किनारे पुस्तैनी भूमि में उसके अलावा छोटे भाई अयोध्या व मैना देवी का हिस्सा है. इसे बेचने के लिए उसने प्रॉपर्टी डीलर से बात कर 1.19 करोड़ रुपए एडवांस लिए थे. जिसमें मैना देवी के खाते में 27 लाख रुए भेज कर एग्रीमेंट करने के लिए कह रहा था.

दिव्यांग सुरेंद्र और उसकी मां पूरी रुपए मिलने पर एग्रीमेंट करने की बात कह रहे थे. वही प्रॉपर्टी डीलर अयोध्या लगातार रामजीत भजन इन एग्रीमेंट करवाने के लिए दबाव बना रहा था. सुरेंद्र का छोटा भाई योगेंद्र यादव शराब पीने का आदी है. इसका फायदा उठाते हुए रामजीत पन्ने लाल और महेंद्र ने मिलकर उसे प्लानिंग के साथ मोहरा बना दिया. योगेंद्र उकसावे में आकर सुरेंद्र और मां नैना देवी से अक्सर मारपीट करता था. वह अपने हिस्से का रुपया भी मांग रहा था. जबकि मैना देवी और सुरेंद्र जमीन का पूरा पैसा मिलने पर ही जमीन का बैनामा करना चाहते थे.

आरोपियों ने घटना से चार दिन पहले की थी शराब पार्टी

रामजीत साजिश के तहत अपने बेटे महेंद्र और पन्ने लाल के साथ मिलकर योगेंद्र को भड़काने लगा. ताकि किसी तरह से एग्रीमेंट हो जाए. उधर ग्राम प्रधान की ओर से ग्राम सभा की जिस जमीन पर इन लोगों ने कब्जा कर रखा था. वहां ट्यूबेल लगाने के लिए चिन्हित कर दिया गया. यह बात जब रामजीत और साथियों को पता चली तो वे घबरा गए.

आरोपियों ने घटना से तीन-चार दिन पहले गांव में शराब पार्टी की वहां पर सुरेंद्र के भाई योगेंद्र को जमकर शराब पिलाई. फिर रामजीत ने अपने बेटे के साथ योगेंद्र को भेज के पहले सुरेंद्र की हत्या करवाई और सुबूत मिटाने के लिए उसे जलाकर मार दिया. इसके बाद आरोपी ने ग्राम प्रधान और उसके पति पर हत्या का आरोप लगा दिया.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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