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499 साल बाद Diwali 2020 पर बन रहा ये दुर्लभ योग, इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव, जानें किन्हें होगा लाभ, किसे नुकसान

Diwali 2020 Date, Rare Yoga Of Deepawali, Laxmi Puja Vidhi, Mantra, Shubh Muhurat, Tithi: इस दिवाली ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा. 499 वर्ष बाद दुलर्भ संयोग बन रहा है. तंत्र पूजा के लिए दीपावली पर्व को विशेष माना जाता है. इस वर्ष 14 नवंबर, दिन शनिवार को दिवाली तिथि पड़ी है. ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो सन 1521 के 499 साल बाद ग्रहों का दुलर्भ योग देखने को मिलेगा.

Diwali 2020 Date, Rare Yoga Of Deepawali, Laxmi Puja Vidhi, Mantra, Shubh Muhurat, Tithi: इस दिवाली ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा. 499 वर्ष बाद दुलर्भ संयोग बन रहा है. तंत्र पूजा के लिए दीपावली पर्व को विशेष माना जाता है. इस वर्ष 14 नवंबर, दिन शनिवार को दिवाली तिथि पड़ी है. ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो सन 1521 के 499 साल बाद ग्रहों का दुलर्भ योग देखने को मिलेगा.

दरअसल, 14 नवंबर को देश भर में दीपावली में गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे. वहीं, शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच रहेगा. इन तीनों ग्रहों का यह दुर्लभ योग वर्ष 2020 से पहले सन 1521 में 9 नवंबर को देखने को मिला था. इसी दिन उस वर्ष दीपोत्सव मनाई गई थी.

क्या होगा लाभ

जैसा कि ज्ञात हो गुरु और शनि आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले ग्रह माने गया है. ऐसे में यह दीपावली आपके लिए कई शुभ संकेत लेकर आया है.

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दीपावली का शुभ मुहूर्त

14 नवंबर को चतुर्दशी तिथि पड़ रही है जो दोपहर 1:16 तक रहेगी. इसके बाद अमावस तिथि का आरंभ हो जाएगा जो 15 नवंबर की सुबह 10:00 बजे तक रहेगी. हालांकि, 15 तारीख को केवल स्नान दान की अमावस्या की जाएगी. गौरतलब है कि लक्ष्मी पूजा संध्याकाल या रात्रि में दिवाली में की जाती है.

दिवाली में मां लक्ष्मी के साथ-साथ श्री यंत्र की पूजा की जाती है. ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो इस दीपावली गुरु धनु राशि में रहेगी ऐसे में श्री यंत्र की पूजा रात भर कच्चे दूध से करना लाभदायक हो सकता है.

इधर, शनि अपनी मकर राशि में विराजमान रहेगी. इस दिन अमावस्या का योग भी है. ऐसे में तंत्र-यंत्र की पूजा करना इस दिन लाभदायक होगा.

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दिवाली पर इन्हें भी पूजें

दिवाली पर केवल महालक्ष्मी की ही नहीं बल्कि साथ ही साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना भी श्रद्धा पूर्वकर की जानी चाहिए, तब ही मां प्रसन्न होती है. इसके अलावा इस दिन यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, हनुमानजी, कुल देवता व पितरों का भी श्रद्धा पूर्वक पूजना चाहिए.

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दिवाली पर पढ़े ये पाठ

दिवाली में श्री सूक्त का पाठ जरूर करें. साथ ही साथ विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम आदि का पाठ भी आपके ग्रह-नक्षत्रों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है.

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दोनों दिवाली एक ही दिन

इस बार दोनों दिवाली एक ही दिन मनायी जाएगी. कार्तिक मास की त्रयोदशी से भाईदूज तक दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. लेकिन, इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन पड़ रही है. आपको बता दें कि कार्तिक मास की त्रयोदशी इस वर्ष 13 नवंबर को और छोटी व बड़ी दिवाली 14 नवंबर को है.

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दीपावली पूजन विधि

  • पूजा वाली चौकी लें, उस पर साफ कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करें.

  • मूर्तियों का मुख पूर्व या पश्चिम की तरफ होना चाहिए.

  • अब हाथ में थोड़ा गंगाजल लेकर उनकी प्रतिमा पर इस मंत्र का जाप करते हुए छिड़कें.

  • ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्याभंतर: शुचि:।। जल अपने आसन और अपने आप पर भी छिड़कें। – इसके बाद मां पृथ्वी माता को प्रणाम करें और आसन पर बैठकर हाथ में गंगाजल लेकर पूजा करने का संकल्प लें.

  • इसके बाद एक जल से भरा कलश लें जिसे लक्ष्मी जी के पास चावलों के ऊपर रखें. कलश पर मौली बांधकर ऊपर आम का पल्लव रखें. साथ ही उसमें सुपारी, दूर्वा, अक्षत, सिक्का रखें.

  • अब इस कलश पर एक नारियल रखें. नारियल लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि उसका अग्रभाग दिखाई देता रहे. यह कलश वरुण का प्रतीक है.

  • अब नियमानुसार सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. फिर लक्ष्मी जी की अराधना करें. इसी के साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधि विधान पूजा करें.

  • पूजा करते समय 11 या 21 छोटे सरसों के तेल के दीपक और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए. एक दीपक चौकी के दाईं ओर एक बाईं ओर रखना चाहिए.

  • भगवान के बाईं तरफ घी का दीपक जलाएं, और उन्हें फूल, अक्षत, जल और मिठाई अर्पित करें.

  • अंत में गणेश जी और माता लक्ष्मी की आरती उतार कर भोग लगाकर पूजा संपन्न करें.

  • जलाए गए 11 या 21 दीपकों को घर के सभी दरवाजों के कोनों में रख दें.

  • इस दिन पूजा घर में पूरी रात एक घी का दीपक भी जलाया जाता है.

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Posted By : Sumit Kumar Verma

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