इस साल दीपावली पर अद्भुत संजोग देखने को मिलने वाला है. इस साल दिवाली पर 499 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है. बताया जा रहा है कि ऐसा शुभ संयोग पिछली बार साल 1521 यानी 499 वर्ष पहले आया था. इस साल नरक चौदस यानी छोटी दिवाली और लक्ष्मी पूजा बड़ी दीवाली का त्योहार एक दिन 14 नवंबर को मनाई जाएगी.
नरक चतुर्दशी और शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सुबह स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है. इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. दिवाली के साथ 14 नवंबर को नरक चतुर्दशी भी मनाई जाएगी. नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है.
दीपावली में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
दीवाली पूजन स्थिर लग्न वृष व सिंह में ही करना चाहिए
-
14 नवम्बर सायंकाल 05 बजकर 30 मिनट से सायंकाल 07 बजकर 22 मिनट तक. प्रदोष काल 14 नवंबर को सायंकाल 05:32 से रात्रि 08:33 तक रहेगा.
-
वृष लग्न बहुत ही शुभ है। वृषभ काल 14 नवम्बर को सायंकाल05:29 से रात्रि 07:23 तक है. सिंह लग्न रात्रि 12 से रात्रि 032 बजकर 20 मिनट तक है.
व्यापारिक प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, गद्दी की पूजा, कुर्सी की पूजा, गल्ले की पूजा, तुला पूजा, मशीन-कंप्यूटर, कलम-दवात आदि की पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से आरंभ हो जाएगा. इसी के मध्य क्रमशः चर, लाभ और अमृत की चौघडियां भी विद्यमान रहेंगी जो शायं 04 बजकर 05 मिनट तक रहेंगी. गुरु का धनु में होना भी एक चमत्कार होगा। यह दीपावली देश के लिए बहुत ही मंगलकारी है
काफी महत्व है छोटी दीपावली का
धनतेरस और दीपावली के बीच एक दिन का अंतर होता है और इस दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी कहा जाता है. इस दिन का काफी महत्व है.
कलम दवात की पूजा का भी है महत्व
15 को गोवर्धन पूजा तथा तथा 16 नवम्बर को कायस्थों का एक बड़ा पर्व कलम दवात पूजा व उनके आराध्य भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा के साथ भैया दूज का भी महापर्व आ रहा है.
Posted By: Shaurya Punj