Diwali 2021 : कुम्हारों की दिवाली इस साल भी रहेगी फीकी, कोरोना के बाद अब महंगाई ने चाक की रफ्तार कर दी धीमी

पिछले दो साल से दीया की बिक्री कम हो गयी है. पिछले साल कोरोना के कारण बिक्री नहीं हुई, तो इस साल तेल व घी के मूल्य में वृद्धि का असर पड़ा है. महंगाई के कारण अच्छी बिक्री नहीं है. तेल के बढ़ते भाव के कारण दीयों की मांग घट गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2021 2:17 PM

Diwali 2021, चतरा न्यूज (विजय शर्मा) : इस साल भी कुम्हारों की दिवाली फीकी रहेगी. सरसों व तिल के तेल तथा घी की बढ़ती कीमतों ने कुम्हारों के चाक की रफ्तार धीमी कर दी है. तेलों के बढ़ते दाम के कारण मिट्टी का दीया कम बिकने की उम्मीद है. यह आकलन दुर्गा पूजा के दौरान दीयों की मांग नहीं होने पर लगाया जा रहा है. इटखोरी के कुम्हार इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि पिछले साल कोरोना महामारी ने कमाई पर पानी फेर दिया था. इस साल महंगाई का असर पड़ रहा है.

कुम्हार कामेश्वर प्रजापति ने कहा कि इस साल मात्र पांच हजार दीया बनाये हैं, दुर्गा पूजा में बिक्री नहीं होने के कारण दिवाली की बिक्री का अंदाजा लग जाता है. दुर्गा पूजा में काफी कम दीया बिका था. तेल व घी का दाम बढ़ जाने का असर पड़ेगा. कैलाश प्रजापति ने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतों का असर हमलोगों के कारोबार पर भी पड़ा है. इस साल कम दीया बनाया गया है. लोग मोमबत्ती जलाकर दिवाली मनायेंगे.

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बौध प्रजापति ने कहा कि इस साल तीन हजार दीया बनाया गया है. बाजार में बिक्री नहीं है. घर-घर घूमकर वे दीया बेचेंगे. तेल का दाम बढ़ जाने के कारण दीया की मांग घट गई है. मेघु प्रजापति ने कहा कि पिछले दो साल से दीया की बिक्री कम हो गयी है. पिछले साल कोरोना के कारण तो इस साल तेल व घी के मूल्य में वृद्धि का असर पड़ा है. महंगाई के कारण बिक्री कम होने का उम्मीद है. मानकी प्रजापति ने कहा कि तेल के बढ़ते भाव के कारण दीयों की मांग घट गई है. पहले सब्जी छौंकने के लिए तेल का जुगाड़ करने में लगे हैं. उसके बाद दीया जलाने की सोच रहे हैं.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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