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Diwali 2022 Date: दिवाली की तिथि को लेकर ना हों कंफ्यूज, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Diwali 2022 Date: इस साल दिवाली की तिथि को लेकर संशय बन गया है. इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है. अगर आपको भी दिवाली की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि दीपावली का त्योहार की सही तिथि

By Shaurya Punj | October 8, 2022 3:54 PM

Diwali 2022 Date: दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी और इस दिन वह 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे. इस साल दिवाली की तिथि को लेकर संशय बन गया है. अगर आपको भी दिवाली की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि दीपावली का त्योहार की सही तिथि

दिवाली पर शुभ मुहूर्त कब है?

इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है. लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो रही है। वहीं 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि होगी. 24 अक्टूबर को निशित काल में भी अमावस्या तिथि होगी. इसलिए इस साल 24 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीवाली का पर्व मनाया जाएगा.

23 अक्टूबर, रविवार को त्रयोदशी तिथि शाम 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगी. उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी. चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर, सोमवार को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी और उसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. 25 अक्टूबर, मंगलवार को अमावस्या शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी.

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त

सायंकाल मुहूर्त (अमृत, चल):17:29:35 से 19:18:46 तक

रात्रि मुहूर्त (लाभ):22:29:56 से 24:05:31 तक

रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल):25:41:06 से 30:27:51 तक

दिवाली पूजन सामग्री लिस्ट

मां लक्ष्मी की प्रतिमा (कमल के पुष्प पर बैठी हुईं), गणेश जी की तस्वीर या प्रतिमा (गणपति जी की सूंड बांयी ओर होनी चाहिए), कमल का फूल, गुलाब का फूल, पान के पत्ते, रोली, सिंदूर, केसर, अक्षत (साबुत चावल), पूजा की सुपारी, फल, फूल मिष्ठान, दूध, दही, शहद, इत्र, गंगाजल, कलावा, धान का लावा(खील) बताशे, लक्ष्मी जी के समक्ष जलाने के लिए पीतल का दीपक, मिट्टी के दीपक, तेल, शुद्ध घी और रुई की बत्तियां, तांबे या पीतल का कलश, एक पानी वाला नारियल, चांदी के लक्ष्मी गणेश स्वरुप के सिक्के, साफ आटा, लाल या पीले रंग का कपड़ा आसन के लिए, चौकी और पूजा के लिए थाली.

दीपावली का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी और इस दिन वह 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे. भगवान राम के वापस आने के खुशी में प्रकाश का पर्व दीपावली मनाया गया. कहा जाता है कि जब भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता अयोध्या आए थे तो उनके स्वागत लोगों ने दीप जलाकर किया था. दीपावली मिलन का त्योहार है इस दिन सभी लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाई बांटते हैं.

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