राजभवन से दिव्यांग लुगनी व उसके बेटे को दिवाली गिफ्ट, तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने लिया था गोद

झारखंड का राजभवन दीपावली पर लुगनी और उसके बच्चे के लिए उपहार भेजता है. इस दीपावली भी राजभवन से गुड़ाबांदा गिफ्ट पहुंचा. बीडीओ स्मिता नागेसिया ने अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचकर इन्हें वस्त्र, मिठाई और नकद रुपये सौंपा. 2007 में तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने लुगनी के बेटे को गोद लिया था.

By Guru Swarup Mishra | October 24, 2022 6:41 PM

Happy Diwali 2022: नक्सल आतंक की शिकार हुई दिव्यांग लुगनी (बदला हुआ नाम) और उसके बेटे की सुध आज भी झारखंड का राजभवन ले रहा है. बिन ब्याही मां बन गई लुगनी के पुत्र को तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गोद लिया था. तब से राजभवन दीपावली पर लुगनी और उसके बच्चे के लिए उपहार भेजता है. इस दीपावली भी राजभवन से गुड़ाबांदा गिफ्ट पहुंचा. बीडीओ स्मिता नागेसिया ने अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचकर इन्हें वस्त्र, मिठाई और नकद रुपये सौंपा.

कभी नक्सलवाद की आग में जल रहा था सिंहभूम

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र दशकों नक्सलवाद की आग में जलता रहा. तब कान्हू मुंडा समेत अन्य नक्सलियों का यहां राज चलता था. उनके इशारे के बिना एक पत्ता तक नहीं हिलता था. नक्सली संगठन के गुलाछ मुंडा ने दिव्यांग लुगनी का शारीरिक शोषण किया था. लुगनी के गर्भवती होने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था.

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नक्सली आतंक का स्याह सच तब समाज के सामने आया

इस घटना के बाद नक्सली आतंक का स्याह सच समाज के सामने आया. लोग दबी जुबान से इस हरकत के कारण नक्सलियों की निंदा करने लगे थे. लुगनी ने एक बच्चे को जन्म दिया तब यह मामला सुर्खियों में आया और तब झारखंड की राज्यपाल रहीं द्रौपदी मुर्मू ने इस पर संज्ञान लिया था. लुगनी और उसके बच्चे को प्रशासनिक टीम ने रांची ले जाकर राजभवन में तत्कालीन राज्यपाल से मिलवाया था. उसी दौरान राज्यपाल ने बच्चे को गोद लेने और परवरिश करने की घोषणा की थी. ये वाकया 2017 का है.

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राजभवन अब भी लेता है लुगनी की सुध

आज लुगनी का बच्चा धालभूमगढ़ के चोयरा स्कूल में पढ़ाई कर रहा है. दिव्यांग लुगनी चल नहीं पाती है. वह रेंगती है. झारखंड का राजभवन उसका पूरा ख्याल रखता है. उसकी जिंदगी में दुख तो है पर राजभवन का सहारा भी है. लुगनी के शारीरिक शोषण का आरोपी नक्सली गुलाछ मुंडा पुलिस मुठभेड़ में पहले ही मारा जा चुका है. अब गुड़ाबांदा नक्सल मुक्त हो गया है. 15 फरवरी 2017 को कान्हू मुंडा समेत आधा दर्जन नक्सलियों ने पूर्व एसपी अनूप टी मैथ्यू के समक्ष सरेंडर किया था.

रिपोर्ट : मोहम्मद परवेज, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम

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