Diwali 2023: देश का इकलौता मंदिर जहां सिर के बल खड़े हैं बजरंगबली, दिवाली के दिन जरूर करें दर्शन, ऐसे पहुंचे

Diwali 2023: दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है. इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को मनाई जाएगी. आपको बताएंगे दुनिया का इकलौता मंदिर, जहां सिर के बल हनुमान जी खड़े हैं.

By Shweta Pandey | September 22, 2023 2:27 PM
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Diwali 2023: दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है. यह त्यौहार आम तौर पर अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को मनाई जाएगी. हम आपको बताएंगे एक खास मंदिर के बारे में जहां दिवाली के दिन दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

भारत में यहां खड़े हैं सिर के बल बजरंगबली

भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीपक जलाएं और दीवाली सेलिब्रेट किए. यह सभी जानते हैं कि भगवान राम से हुनमान जी का गहरा नाता रहा है. प्रभु राम, हनुमान जी से बेहद प्रेम करते हैं और अगर आप इस दिवाली के दिन प्रभु राम के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले बजरंगबली का दर्शन करें. भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी सिर के बल खड़े हैं.

यहां स्थित है मंदिर

दरअसल भारत के इंदौर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर सांवेर में सिर के बल उल्टे खड़े हुए बजरंगबली की मंदिर है. आप अगर मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं, तो इंदौर से यहां तक आने में तीन से चार घंटे का समय लग सकता है.

ये भी हैं मूर्तियां

बता दें सांवरे में स्थित इस मंदिर में हनुमान जी (Hanuman Ji) के अलावा प्रभु श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण जी, शिव जी और पार्वती की भी मूर्तियां हैं. लेकिन भारत में यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी सिर के बल खड़े हैं. यहां दूर-दूर से लोग पूजा और दर्शन करने आते हैं.

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हनुमान जी उल्टे क्यों खड़े हुए थे

दरअसल मान्यता है कि हनुमान जी भगवान राम और लक्ष्मण की खोज में पाताल लोक गए थे. वहां उन्होंने अहिरावण का वध किया और राम-लक्ष्मण को सुरक्षित वापस लाया. इस दौरान हनुमान जी पाताल लोक में प्रवेश करते समय अपने पैर आकाश की ओर और सिर धरती की ओर किए हुए थे. इसी कारण से हनुमान जी के उलटे रूप की पूजा की जाती है. बता दें कि हनुमान जी के उलटे स्वरूप की प्रतिमा सांवेर में स्थापित की गई है. यह दुनिया का पहला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी सिर के बल खड़े हैं. यह माना जाता है कि सांवेर ही वह स्थान है जहां से हनुमान जी पाताल लोक में गए थे.

सांवर कैसे पहुंचे

अगर आप सिर के बल खड़े हनुमान जी का दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सांवर जाना पड़ेगा. सांवर जने के लिए पहले आपको मध्यप्रदेश इंदौर जाना होगा.

 हवाई मार्ग (By Air): सांवर के पास नजदीकी विमानक्षेत्र है, जिसका नाम देवी आहिल्याबाई होल्कर विमानक्षेत्र है. आपको इस विमानक्षेत्र पर उड़ान भरकर यहां पहुंच सकते हैं और फिर सांवर तक टैक्सी या ऑटोरिक्शा बुकर करके पहुंच सकते हैं

रेल मार्ग (By Train): सांवर रेलवे स्थानक से भी आपको यहां पहुंचने का विचार कर सकते हैं। आपको दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरु जैसे महत्वपूर्ण शहरों से सांवर तक ट्रेनें मिलेंगी।

सड़क मार्ग (By Road): अगर आप अपने वाहन से सांवर जाना चाहते हैं, तो आपको मध्यप्रदेश के रोड नेटवर्क का उपयोग करके यहां पहुंच सकते हैं. आपको अपने स्थान से सांवर के लिए रोड मार्ग की जानकारी जैसे कि मार्ग, दूरी और समय पर पहुंचने की जरूरत होगी.

बस मार्ग (By Bus): आप अपने स्थान से सांवर के लिए बस सेवाएँ भी चेक कर सकते हैं. मध्यप्रदेश परिवहन निगम और निजी ओपरेटर्स कई स्थानों से सांवर के लिए बस सेवाएँ प्रदान करते हैं.

बताते चलें कि यह सरल तरीके हैं जिनका उपयोग करके आप सांवर पहुंच सकते हैं. फिलहाल आप आपकी यात्रा की योजना को ध्यान में रखकर, आपके लिए सबसे अच्छा और सुरक्षित तरीका चुनें.

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