Dhanteras 2023: ओडिशा में दोपहर 12.35 से शुरू होगा धनतेरस का मुहूर्त, कई दशकों के बाद बन रहा है शुभ योग
वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली बहुत ही खास रहेगी, क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है. दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जायेगी.
राजगांगपुर. दीपावली का महापर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस से यह प्रारंभ होता है फिर इसके बाद नरक चतुर्दशी जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं. इसके बाद दिवाली फिर अगले दिन गोवर्धन पूजा और आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार आता है. पंडित सचिन शर्मा ने बताया कि इस साल धनतेरस की तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर की दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर होगा. धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है, इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनायी जायेगी.
खरीददारी का शुभ मुहूर्त
-शुक्रवार को दोपहर 2:35 से शनिवार को सुबह 6:40 बजे तक
धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है इस साल 10 नवंबर को धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का सबसे शुभ समय दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 11 नवंबर 2023 की सुबह 6 बजकर 40 मिनट के बीच है. इसके अलावा यदि आप इस समय खरीदारी से चूक जाते हैं तो 11 नवंबर को सुबह 06 बजकर 40 मिनट से दोपहर 1 बजकर 57 मिनट के बीच सामान खरीद सकते हैं.
कई दशकों के बाद बन रहा है शुभ योग
वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली बहुत ही खास रहेगी, क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है. दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जायेगी वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक दिवाली की शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी. उसी दौरान पांच राजयोग का निर्माण भी होगा. इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा. इस तरह से दिवाली आठ शुभ योगों में मनायी जायेगी. इस साल दिवाली पर एक साथ 5 राजयोग देखने को मिलेगा ये 5 राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे. इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे. 12 नवंबर को सुबह तक रूप चौदस रहेगी फिर दोपहर ढाई बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू हो जायेगी. अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है इस बार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि 12 और 13 नवंबर दोनों ही दिन रहेगी, लेकिन दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को ही मनाया जायेगा. शास्त्रों में बताया गया है कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा ही अमावस्या तिथि और प्रदोष काल के संयोग में ही करना चाहिए। इस कारण से 12 नवंबर को ही शुभ दीपावली मनायी जायेगी.
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक
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अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
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प्रदोष काल- 05:29 से 08:07 तक
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वृषभ काल- 05:40 से 07 :36 तक
दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त
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लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त- 11:39 से 12:31 तक
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अवधि- 52 मिनट
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महानिशीथ काल- 11:39 से 12:31 तक
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सिंह काल- 12:12 से 02:30 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
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अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ)- 01:26 से 02:47 तक
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सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)- 05:29 से 10:26 तक
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रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)- 01:44 से 03:23 तक
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उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)- 05:02 से 06:41 तक
13 तारीख को सुबह अमावस्या होने के कारण इस बार गोवर्धन पूजा व अन्नकूट प्रसाद अगले दिन अर्थात 14 नवंबर को मनाया जायेगा जबकि भाई दूज दोनो दिनों 15 नवंबर को मनाया जा सकेगा.
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