Diwali Laxmi Ganesh Bhog, pujan samagri, Puja vidhi and shubh muhurat 2022: दिवाली आज मनाई जा रही है. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा करने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है. जीवन में धन की कभी कमी नहीं रहती है. जानें दिवाली के दिन गणेश-लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, आरती, और भोग के बारे में पूरी डिटेल.
अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ
25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 53 मिनट से
रात 08 बजकर 16 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा की कुल अवधि 01 घंटा 23 मिनट तक
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शाम को शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी गणेश की पूजा करें
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सर्वप्रथम पूजा का संकल्प लें.
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श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी का पूजन करें.
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ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप जरूर पूरा करें.
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एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें ऐसा करना शुभ होता है.
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ल्क्ष्मी पूजा के दौरान श्रीयंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें, देवी सूक्तम का पाठ विशेष लाभकारी है.
फलों में आप लक्ष्मी जी की पूजा में सिघाड़ा,अनार, श्रीफल अर्पित कर सकते हैं. दिवाली की पूजा में सीताफल को भी रखा जाता है. इसके अलावा दिवाली की पूजा में कुछ लोग ईख भी रखते हैं. सिंघाड़ा भी नदी के किनारे पाया जाता है इसलिए मां लक्ष्मी को सिंघाड़ा भी बहुत पंसद है. मिष्ठान में मां लक्ष्मी को केसरभात, चावल की खीर जिसमें केसर पड़ा हो, हलवा आदि भी बहुत पसंद हैं.
ॐ केशवाय नमः, ॐ माधवाय नम:, ॐनारायणाय नमः ऊँ ऋषिकेशाय नम:
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ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता