20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Laxmi Ji Ki Aarti, Diwali Puja 2020 : ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता… Video

Diwali puja vidhi, Shubh Muhurat, Shree Laxmi Ji Aarti with Lyrics : आज लक्ष्मी पूजा (Laxmi Puja) का मुहूर्त शाम 5.30 बजे से शाम 7.25 मिनट तक है. इसके अलावा प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5.27 बजे से रात 8.6 बजे तक है. लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती (Jai Laxmi Mata) का विशेष महत्व है. इसके बिना दिवाली की पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती है. आइए साथ में पढ़ते हैं मां लक्ष्मी की आरती...

Diwali puja vidhi, Shubh Muhurat, Shree Laxmi Ji Aarti with Lyrics : दिवाली पर शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा की जाती है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष अमावस्या को देशभर में दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है. दिवाली पूजा यानी लक्ष्मी पूजा के लिए ज्योतिष गणना के अनुसार शुभ मुहूर्त को उत्तम माना गया है. इस अनुसार आज लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Laxmi puja ka shubh muhurat) शाम 5.30 बजे से शाम 7.25 मिनट तक है. इसके अलावा प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5.27 बजे से रात 8.6 बजे तक है. लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती (Jai Laxmi Mata) का विशेष महत्व है. इसके बिना दिवाली की पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती है. आइए साथ में पढ़ते हैं मां लक्ष्मी (Maa Laxmi ki Aarti) की आरती…

Also Read: Diwali Puja 2020 Puja Vidhi: दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा कैसे करें? जानिए शुभ मुहूर्त और श्रीयंत्रम् की पूजा का महत्व
Also Read: Diwali 2020: 499 साल बाद दिवाली पर बन रहा है ऐसा योग, सुख-समृद्धि के लिए राशि अनुसार करें पूजन और जानें आपके लिए कैसा रहेगा आज का दिन…
Om Jai Laxmi Mata, Maiya jai Laxmi Mata

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

आरती संपन्न होने के बाद प्रांगण में स्थापित तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए. आप इस वीडियो के जरिए भी आरती घर में सुन और गा सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें