अलीगढ़: टप्पल में बाढ़ से परेशान किसानों का हाल जानने पहुंचे डीएम और एसएसपी, 24 घंटे सुरक्षा का दिया भरोसा
अलीगढ़ में टप्पल विकासखंड में यमुना का जलस्तर बढ़ने से गांव में और खेतों में पानी आ गया है. इलाके में बाढ़ चौकिया क्रियाशील की गई है. जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने इलाके का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आबादी को प्रतिस्थापित करने की स्थिति अभी नहीं आई है.
Aligarh : अलीगढ़ में टप्पल विकासखंड के आधा दर्जन गांव में बाढ़ आने को लेकर जिलाधिकारी और एसएसपी ने इलाके का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी यमुना नदी के किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे. वहीं, जिलाधिकारी का कहना है कि खेतों में और सड़कों पर पानी आ गया है, लेकिन घर में नहीं घुसा है.
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
यमुना का जलस्तर बढ़ने से गांव में और खेतों में पानी आ गया है. इलाके में बाढ़ चौकिया क्रियाशील की गई है. जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि आबादी को प्रतिस्थापित करने की स्थिति अभी नहीं आई है. गांव वालों को सचेत किया गया है. हालांकि जलस्तर अभी और बढ़ेगा. जिलाधिकारी के पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग की टीम भी पहुंच गई.
साथ ही एंबुलेंस भी मौके पर तैनात कर दी गई. जिलाधिकारी के पहुंचने पर हर प्रकार की व्यवस्था का इंतजाम करने का दावा किया जा रहा है, हालांकि डीएम का दावा है कि बाढ़ को लेकर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. हर विभाग का अधिकारी 24 घंटे दृष्टि बनाए रहेगा.
दवाइयों और खाने-पीने के इंतजाम का दावा
ओखला बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ा जा रहा है जिससे नदी में उफान आ गया है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. वहीं अलीगढ़ के आधा दर्जन इलाके प्रभावित है. कई इलाकों में बाढ़ के चलते किसानों की फसल चौपट हो गई है तो कहीं पशुओं और उनके चारों को लेकर ग्रामीण परेशान है. हालांकि ग्रामीणों ने प्रशासन पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया था. वही गुरुवार को जिलाधिकारी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचे.
जिलाधिकारी का कहना है कि खेतों में और सड़कों पर पानी आ गया है, लेकिन घर में नहीं घुसा है. जिलाधिकारी ने आगे कहा कि यमुना का जल स्तर और बढ़ेगा. जिसको लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है. हांलाकि आबादी क्षेत्र में पानी घुसने के मद्देनजर बाढ़ चौकियां बनाई गई है. वही, दवाइयों खाने-पीने का इंतजाम करने का जिलाधिकारी दावा कर रहे हैं.
सुरक्षा की दृष्टि से यमुना के किनारे अलर्ट जारी
यमुना का जलस्तर डेंजर लेवल पार कर चुकी है. कल तक जलस्तर बढ़ सकता है. हालांकि किसानों को ज्यादा परेशानी फसल चौपट होने और पशुओं के चारे की व्यवस्था को लेकर है. जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने ग्रामीणों की समस्या का समुचित समाधान किए जाने का दावा कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि जैसे आवश्यकता पड़ेगी और इंतजाम बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर आबादी को शिफ्ट कराने की जरूरत पड़ी तो उसका भी इंतजाम करेंगे. सुरक्षा की दृष्टि से यमुना के किनारे गांव में अलर्ट जारी किया गया है.
शरण स्थलों को क्रियाशील किया गया
वहीं, एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर संसाधनों, कार्य योजनाओं, बाढ़ चौकियों, शरण स्थलों को तत्काल क्रियाशील किया गया है. उन्होंने बताया कि बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है. नदी का जलस्तर बढ़ गया है, लेकिन गांव के लोग सुरक्षित है. वही फ्लड कंपनियों को अलर्ट मोड में रखते हुए किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए हैं.
तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर जल स्तर खतरे के पार
निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया कि संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों में समस्त प्रकार के चाक-चौबंद व्यवस्थाएं रहें. यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए एसडीएम एवं तहसीलदार को तटीय ग्रामों में जलस्तर की निरंतर मॉनिटरिंग करते हुए सूचना प्रसारित किए जाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि जिला एवं तहसील प्रशासन कटिबद्ध है कि किसी भी प्रकार की समस्या एवं जनहानि नहीं होने दी जाएगी.
समस्त बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को अलर्ट रहते हुए निरंतर निगरानी के निर्देश दिये गये हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि ओखला बैराज से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने पर यमुना तहसील खैर में खतरे के स्तर को पार करती है. संभावित प्रभावित होने वाले ग्रामों में 9 बाढ़ चौकियां स्थापित हैं. 24×7 कर्मचारियों की तैनाती की गई है. यमुना किनारे बसे परिवारों से निरन्तर अपील की जा रही है कि आपदा के समय में एक-दूसरे का सहयोग करते हुए ऊंचे स्थानों पर चले जाएं ताकि नुकसान को कम किया जा सके.
रिपोर्ट- आलोक, अलीगढ़