Bareilly : महिला अस्पताल के SNCU में लगी आग में एक बच्चे की मौत के बाद प्रशासन ने बैठाई जांच

जिला महिला अस्पताल बरेली के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में आग की घटना से डीएम रविंद्र कुमार काफी खफा हैं. छुट्टी से लौटने के बाद बुधवार को जिला महिला अस्पताल पहुंचे.उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया.इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.विश्राम सिंह से जानकारी ली.

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2023 4:34 PM
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बरेली : जिला महिला अस्पताल के स्पेशल न्यूर्बोन केयर यूनिट (SNSU) में आग की घटना से डीएम रविंद्र कुमार काफी खफा हैं.छुट्टी से लौटने के बाद बुधवार को जिला महिला अस्पताल पहुंचे.उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया.इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.विश्राम सिंह से जानकारी ली.बोले, इसमें विभागीय जांच की जरूरत नहीं है.SNCU में आग की घटना की जांच इलेक्ट्रिक सेफ्टी विभाग करेगा.डीएम ने साफ छवि के एसीएमओ को जांच टीम में रखने के निर्देश दिए.डीएम ने महिला अस्पताल की ओपीडी का निरीक्षण किया.ओपीडी के रजिस्टर में मरीज चेक करने के बाद मरीजों से बात की.मरीजों से इलाज के नाम पर किसी के रूपये मांगने, और इलाज में किसी तरह की कमी के बारे में पूछा.मगर, किसी मरीज ने कोई शिकायत नहीं की.डीएम मेडिसन स्टोर पहुंचे, लेकिन वहां ताला पड़ा था.जिसके चलते सीएमओ को ताला खुलवाकर दवा का रिकॉर्ड चेक करने के निर्देश दिए.

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मेडिकल कॉलेज ले जाने के दौरान एक बच्चे की मौत

जिला महिला अस्पताल में मंगलवार को शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी.इससे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई.वार्ड में आग देखकर बीमार बच्चों के परिजन बच्चों को लेकर दौड़ पड़े.उस वक्त वार्ड में 11 बच्चे थे.इसमें 8 बीमार बच्चों को बदायूं मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.काफी मुश्किल से आग पर काबू पाया गया.इससे बड़ा हादसा टल गया.महिला अस्पताल के वार्ड में अचानक तेज धमाके के साथ शॉर्ट सर्किट होने से आग की लपटें उठने लगीं थीं.आग की लपटों को देखकर तीमारदार घबरा गए.वह बच्चों को लेकर वार्ड से निकालकर भागने लगे.बिजली के बोर्ड से चिंगारी निकलने से रोकने के लिए अस्पताल की मुख्य सप्लाई लाइन बंद की.इसके साथ ही आग पर काबू पाने की कोशिश की.SNCU वार्ड की बिजली लाइन अलग की गई.इसके बाद अस्पताल की विद्युत आपूर्ति बहाल की गई.घटना की सूचना मिलते ही डॉक्टर, और स्टाफ मौके पर पहुंचे थे.आग के वक्त यूनिट में 11 बच्चे भर्ती थे.दो बच्चों के परिजन आग की दहशत में निजी अस्पताल में चले गए, और आठ बच्चे सरकारी एंबुलेंस से बदायूं मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कराए गए थे.इसमें से 3 बच्चों को सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया था, लेकिन रास्ते में ही एक बच्चे की मौत हो गई थी.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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