Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें गंगा स्नान और दीप दान, जानें इस दिन का महत्व

Kartik Purnima 2022: इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है. इस गंगा स्नान के नाम से भी जना जाता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

By Bimla Kumari | November 5, 2022 9:59 AM

Kartik Purnima 2022, Ganga Snan : कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को हर साल मनाया जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 8 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. यह दिन बेहद खास है क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध कर उसका संहार किया था. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है. इस गंगा स्नान के नाम से भी जना जाता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

कार्तिक पूर्णिमा पर किनकी होती है पूजा

कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है. कार्तिक पूर्णिमा तिथि (Kartik Purnima 2022 Date) के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है. आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान किया जाना चाहिए. इस दीप-दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं कब है कार्तिक पूर्णिमा व्रत, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का महत्व.

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2022 Shubh Muhurat)

उदयातिथि के अनुसार इस साल कार्तिक पूर्णिमा 08 अक्टूबर को मनाया जाएगा. पूजा की शुरूआत 07 नवंबर की शाम 04 बजकर 15 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 08 नवंबर की शाम 04 बजकर 31 मिनट पर होगा.

इस दिन किये जाने वाले धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं-

  • पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल जाग कर व्रत का संकल्प लें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें.

  • इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुईया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन अवश्य करना चाहिए.

  • कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में व्रत करके बैल का दान करने से शिव पद प्राप्त होता है.

  • गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी आदि का दान करने से संपत्ति बढ़ती है.

  • इस भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्टों का नाश होता है.

  • कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ होकर प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं.

  • कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाले व्रती को किसी जरुरतमंद को भोजन और हवन अवश्य कराना चाहिए.

  • इस दिन यमुना जी पर कार्तिक स्नान का समापन करके राधा-कृष्ण का पूजन और दीपदान करना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें स्नान-दान

कार्तिक मास में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं. पद्मपुराण में भी यह भी बताया गया है कि भगवान विष्णु मत्स्य रूप में पवित्र नदियों और जल स्रोत में वास करते हैं. ऐसे में नदी में स्नान करें से व्यक्ति को वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है और उसे मानसिक व शारीरिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र पूर्णमासियों में से एक है. इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं. यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है. वहीं अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो, यह महापूर्णिमा कहलाती है. इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता है.

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