धनबाद की कंचनपुर पंचायत में कागजों पर बना डोभा, न योजना की मंजूरी और न काम पूरा, पर राशि का हुआ भुगतान

धनबाद के बाघमारा प्रखंड अंतर्गत कंचनपुर पंचायत में कागजों पर डोभा बना है. इसको लेकर न तो योजना की स्वीकृति हुई और न ही डोभा की खुदाई, लेकिन पूर्ण निर्माण के नाम पर राशि का भुगतान हो गया. मामले सामने आने पर जांच की गई, तो डोभा की जगह छोटा गड्ढा मिला.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2022 5:30 PM

Prabhat Khabar Special: धनबाद जिला अंतर्गत बाघमारा प्रखंड की कंचनपुर पंचायत में एक ऐसे डोभा की जानकारी मिली है, जो धरातल पर तो नहीं है, लेकिन कागजों में जरूर है. सबसे आश्चर्य की बात है कि न योजना की स्वीकृत हुई और न ही डोभा की खुदाई हुई. इसके बावजूद लाभुक को राशि का भुगतान हो गया. इसी तरह मुर्गी शेड निर्माण की दो योजनाओं में भी बिना काम पूर्ण कराये राशि का भुगतान कर दिया गया.

क्या है पूरा मामला

बाघमारा प्रखंड के कंचनपुर पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक डोभा की योजना ली गयी. इसमें कागज पर ही खुदाई भी हो गयी और लाभुक को राशि का भुगतान भी हो गया. इसे लेकर जुलाई माह को उपायुक्त संदीप सिंह को एक शिकायत पत्र मिला. उन्होंने उप विकास आयुक्त को इसकी जांच कराने का आदेश दिया. मनरेगा के जिला लोकपाल भूपेंद्र श्रीवास्तव ने मामले की जांच की और शिकायतकर्ता सनत कुमार राय का बयान लिया.

डोभा की जगह मिला छोटा गड्ढा

जब टीम ने कंचनपुर जाकर योजना की भौतिक जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. पता चला कि जिस स्थान पर डोभा खुदाई की बात थी वहां सिर्फ एक छोटा सा गड्ढा है. वह जमीन भी किसी दूसरे की है. वहीं बाघमारा प्रखंड में लाभुक अरूप कुमार राय के नाम पर मनरेगा के तहत डोभा निर्माण की कोई योजना स्वीकृति संबंधी रिकॉर्ड नहीं है. राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में भी उक्त भू-खंड का कोई रिकॉर्ड अरुप राय के नाम पर नहीं है.

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लाभुक ने भी माना डोभा की नहीं हुई खुदाई

सूत्रों के अनुसार, जांच टीम के समक्ष लाभुक ने दायर शपथपत्र में कहा है कि उन्होंने डोभा की खुदाई नहीं करायी है. राशि उनके खाता में जरूर ट्रांसफर हुई थी. तब कहा गया था कि उन्हें कुछ नहीं करना है. उन्होंने जांच टीम के समक्ष कई अन्य तथ्यों का भी खुलासा किया. इस पर जांच चल रही है. जांच टीम ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट उप विकास आयुक्त को सौंप दी है.

मुर्गी शेड के नाम पर निकाले 1,20,080 रुपये

बाघमारा प्रखंड की कंचनपुर पंचायत में ही वित्तीय वर्ष 2016-17 में दो मुर्गी शेड की योजना स्वीकृत हुई थी. दोनों में कुछ काम भी हुआ. कमरा बना दिया गया. लेकिन, दरवाजा-खिड़की नहीं लगाये गये. प्रति मुर्गी शेड 64,640 रुपये की इन दोनों योजनाओं में बिना काम कराये ही संवेदक को 1,20,080 रुपये का भुगतान कर दिया गया. लाभुक मनोज बाउरी और घुसुर बाउरी ने जांच टीम से कहा कि उनलोगों का काम छह वर्ष बाद भी पूर्ण नहीं किया गया. दोनों मामलों की भी प्रशासनिक जांच हुई. इसमें गड़बड़ी के आरोप सही मिले. इस मामले में भी जांच रिपोर्ट सौंप दी गयी है.

रिपोर्ट : संजीव झा, धनबाद.

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