कोडरमा बाजार, विकास: झारखंड के कोडरमा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक डॉक्टर द्वारा कथित रूप से अपने मित्रों के साथ पार्टी की गयी. जश्न मनाने और नारे लगवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने आरोपों में घिरे सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत के तहत पदस्थापित डॉ कुमार सौरभ को अनुशासनहीनता और कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है. उपायुक्त के आदेश के आलोक में संबंधित डॉक्टर को कार्यमुक्त कर दिया गया. इधर, इस संबंध में जब डॉ सौरव से प्रभात खबर ने उनसे उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
बताएं, क्यों नहीं आपके खिलाफ दर्ज हो एफआईआर?
कोडरमा के सिविल सर्जन द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि आपके (डॉ कुमार सौरभ ) द्वारा बरती जा रही स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता के लिए 7 फरवरी को आपसे स्पष्टीकरण की मांग की गई थी. फिर सदर अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा 10 फरवरी को पत्र द्वारा सूचित किया गया कि 9 फरवरी सायंकाल में फिर आपके द्वारा आपातकालीन सेवा कक्ष में कार्य के दौरान भीड़ जुटाकर अपने आनंद के लिए नारा लगवाया गया और इससे संबंधित वीडियो और फ़ोटो वायरल किया गया, जो आपकी लापरवाही और अनुशासनहीनता को दर्शाता है. ऐसे में नियुक्ति पत्र में वर्णित सेवा शर्तों की कंडिका 6 एवं 13 के आलोक में तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाता है. साथ ही आप तीनों दिनों के अंदर स्पष्ट करें कि क्यों नहीं आपके इस कृत्य के लिए आपके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जाए?
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वायरल वीडियो के अनुसार कोडरमा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शुक्रवार की रात का नजारा कुछ अलग ही था. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सौरभ अपने कई दोस्तों के साथ पार्टी मना रहे थे. इस दौरान मरीजों की सांसें अटकी थीं. डॉक्टर के कथित दोस्त मूंछ पर ताव फेर कर जलवा है भाई का बोलकर वीडियो भी बना रहे थे. इस घटना का वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. रात में ही वरीय पदाधिकारियों को घटना की सूचना दी गई. बाद में इमरजेंसी वार्ड के मरीजों को स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता से उचित देखभाल की गयी. शनिवार को सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने डीसी मेघा भारद्वाज से भेंटकर घटना की विस्तृत जानकारी दी. डीसी ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया. डीसी के आदेश के आलोक में संबंधित डॉक्टर को कार्यमुक्त कर दिया गया. इधर, इस संबंध में जब डॉ सौरव से प्रभात खबर ने उनसे उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. डॉ सौरव ने कहा कि इस संबंध में सीएस-डीएस से पूछिए़.