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झारखंड: जे-एम्सकॉन 2023 सम्मेलन में नयी शोध व तकनीक पर विमर्श, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग

झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होने पर चिंता जताई गई. कहा गया कि देश के सभी राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट एक्ट लागू है. यह चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. आईइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने आयोजन के लिए चिकित्सकों को बधाई दी.

धनबाद: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का महत्वपूर्ण विंग एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशियलिस्ट (एएमएस), झारखंड चैप्टर का वार्षिक सम्मेलन जे-एम्सकॉन 2023 का आयोजन शनिवार को धनबाद क्लब में किया गया. झारखंड के चेयरमैन डॉ अबीर चक्रवर्ती द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. तीन सत्र में आयोजित सम्मेलन में चिकित्सकों ने चिकित्सा क्षेत्र में हुई नई शोध से सभी को अवगत कराया. सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ पंकज मुटनेजा शामिल हुए. उन्होंने चिकित्सा जगत में नई शोध, तकनीक से सभी साथी चिकित्सकों को अवगत कराया. झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट एक्ट लागू है. यह चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों के लिए भी फायदेमंद है.

आयोजन नए चिकित्सकों के लिए लाभदायक

आईइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने आयोजन के लिए चिकित्सकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह आयोजन नए चिकित्सकों के लिए लाभदायक साबित होगा. मौके पर संगठन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ बीके पांडेय, डॉ बीएन गुप्ता, डॉ बीके सिंह, डॉ हेमराज, डॉ बीके सिंह, डॉ धनवंतरी तिवारी, डॉ गौरी शंकर, डॉ विद्या भूषण, डॉ बीएमपी राय, डॉ मीता सिन्हा, डॉ अनुप्रिया, डॉ बीके पंकज, डॉ जिमी अभिषेक सहित अन्य मौजूद थे.

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स्क्रूटनी कमेटी की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

सम्मेलन के पहले सत्र में धनबाद क्लब में आईएमए झारखंड प्रदेश स्टेट स्क्रूटनी कमेटी की बैठक हुई. इसमें मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही इसे लागू कराने संबंधित कुछ निर्णय लिए गए. वक्ताओं ने कहा कि एक्ट के लागू नहीं होने से राज्य में चिकित्सक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. राज्य में एक्ट लागू नहीं होने के कारण झारखंड में बाहर से कोई चिकित्सक आना नहीं चाहते हैं. झारखंड के विभिन्न निजी व सरकारी अस्पताल इसी कारण चिकित्सक की कमी से जूझ रहे हैं. लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. बैठक में क्लीनिकल एस्टिब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन करने की भी मांग उठी. बैठक में अध्यक्ष डॉ अरूण कुमार सिंह, सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ बीके पंकज, डॉ अमित चक्रवर्ती, डॉ बीएमपी राय, द्रुमिता सिंह, डॉ अनुप्रिया, डॉ धनवंतरी तिवारी, डॉ गौरी शंकर आदि मौजूद थे.

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