कोई गलतफहमी न पालें, धनबाद लोकसभा सीट पर नहीं है मेरी नजर, बोले झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने धनबाद लोकसभा सीट को लेकर अपना स्टेंड क्लियर किया है. कहा कि कोई गलतफहमी न पालें. मेरी नजर धनबाद लोकसभा सीट पर नहीं है. साथ ही कहा कि मेरी हालत राजा निहुष वाली भी नहीं है.
Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा है कि उनकी नजर धनबाद लोकसभा सीट पर नहीं है. इसको लेकर किसी गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए. वे न तो किसी राजनीतिक दल में हैं और ना ही एनडीए, यूपीए सहित किसी राजनीतिक दल के गंठबंधन का हिस्सा ही हैं. उनकी बातों का गलत अर्थ न लगाया जाए और ना ही कोई व्यक्तिगत बातों को सार्वजनिक करनी चाहिए. रविवार को धनबाद में प्रभात खबर से बातचीत में पूर्व मंत्री ने ये बातें कही. वह अपने बयान पर धनबाद सांसद पशुपति नाथ सिंह के बयान का जवाब दे रहे थे.
मेरी हालत राजा निहुष वाली नहीं
उन्होंने कहा कि वह टीका-टिप्पणी में विश्वास नहीं करते, लेकिन, उनकी हालत राजा नहुष वाली नहीं है. वह किसी मुगालते में नहीं रहते, क्योंकि आज के समय में पूर्व सांसद एके राय की तरह कोई निर्दलीय लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकता. कहा कि वह नहीं, बल्कि धनबाद और बोकारो के भाजपा के युवा विधायक राज सिन्हा व बिरंची नारायण, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल सहित कई अन्य नेता लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.
निजी संबंधों का हिसाब रखना, सार्वजनिक करना गलत
श्री राय ने कहा कि उनका सांसद पीएन सिंह से बहुत ही घनिष्ठ संबंध रहा है. निजी संबंधों में कई तरह की बातें होती हैं. उन्हें याद रखना तथा सार्वजनिक करना गलत है. यह भरोसा की तोड़ने वाली बात है. बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने एवं उनसे जेल में मिलने के आरोप पर कहा कि श्री यादव से उनका वर्ष 1974 से निजी संबंध रहा है. व्यक्तिगत संबंधों की कद्र होनी चाहिए. 11 अक्तूबर 1994 को भाजपा के प्रवक्ता के रूप में लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट जारी किये थे. पार्टी के कहने पर ही उनके खिलाफ मुकदमा किये थे. बाबूलाल मरांडी की सरकार गिराने के आरोप पर कहा कि बेहतर होता सांसद इस सवाल का जवाब देते. उस समय संगठन की राजनीति में सक्रिय थे.
सत्ता पक्ष, विपक्ष खेल रहा गलबहियां
उन्होंने कहा कि झारखंड में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष गलबहियां खेल रहा है. हेमंत सरकार के खिलाफ इडी की जो भी जांच हो रही है. उसकी आंच पूर्व की रघुवर सरकार तक पहुंच जा रही है. दवा खरीद घोटाला में भी आदेश संबंधित कंपनियों से दवा खरीदने का आदेश वर्ष 2016 में ही जारी हुआ था. इस दौरान भाजम के जिलाध्यक्ष उदय सिंह, भाजपा नेता कृष्णा अग्रवाल भी मौजूद थे.