खूंटी, चंदन कुमार. खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र के बदानी गांव के गंगदा जंगल से 28 दिसंबर को बरामद दो अज्ञात शवों के मामले में पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है. नामकुम थाना क्षेत्र के बूतिया गांव निवासी संजय बड़ाइक उर्फ रवि बड़ाइक और रनिया के रामू सिंह की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि संजय बड़ाइक के साथ लिव-इन में रह रही युवती जॉनी उर्फ मरियम ने ही की थी. हत्या करने में उसके साथ-साथ परिवार के सदस्य भी थे. हत्या के पीछे का कारण आपसी कलह था. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी सहित तीन आरोपी फरार हैं. ये जानकारी सोमवार को एसडीपीओ अमित कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी.
तुपुदाना में लिव-इन में रहते थे
एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. अनुसंधान के क्रम में मृतकों की पहचान की गयी. मृतक संजय बड़ाइक पहले से शादीशुदा था. उसकी एक बेटी है. जॉनी भी पहले से शादीशुदा थी. उसके पति ने उसे 2016 में छोड़ दिया था. उसके भी दो बच्चे हैं. संजय बड़ाइक टाटा मैजिक का चालक था. वह खूंटी-नामकुम में अपने वाहन से सामान ढोता था. इसी क्रम में उसकी पहचान जॉनी से हुई. दोनों तुपुदाना में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे. जॉनी रेजा का काम करती थी. दोनों के बीच काफी झगड़ा होता था. जॉनी ने यह बात अपने परिवार को बतायी. इसके बाद संजय की हत्या की योजना तैयार की गयी. क्रिसमस के मौके पर जॉनी अपने मायके अड़की थाना क्षेत्र के घाघरा गांव 23 दिसंबर को लौट गयी. 26 दिसंबर को संजय को घाघरा बुलाई, जहां संजय बड़ाइक का उपचालक रामू सिंह भी साथ आया था.
जंगल में ले जाकर काट डाला
परिवार के सदस्य उन्हें योजनाबद्ध तरीके से जंगल ले गये, जहां दोनों की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गयी. हत्याकांड को जॉनी, उसका भाई शंकर, मामा और अन्य साथियों ने मिलकर अंजाम दिया. सभी ने बारी-बारी से गला काटा. पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में आरोपियों की पहचान की. हत्याकांड में शामिल शंकर लोहरा, राम सिंह मुंडा और सोहराई मुंडा शामिल को गिरफ्तार कर लिया गया. तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त टाटा मैजिक व हथियार को भी बरामद कर लिया है. एसआईटी में एसडीपीओ अमित कुमार, अड़की थाना प्रभारी इकबाल हुसैन, पुअनि शशि प्रकाश, मनोज तिर्की, उत्तम कुमार, अर्जुन कुमार सिंह और सशस्त्र बल शामिल थे.