जिले में 3,246 बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई, डीपीओ ने कहा- बच्चों को विद्यालय से जोड़ने हम सबकी जिम्मेदारी
बेतिया में डोर टू डोर सर्वेक्षण आधार पर अनामांकित पाये गये आठ से 14 वर्ष के विद्यार्थियों की संख्या 3246 है. इस बच्चों को फिर से स्कूल में लाने के लिए मास्टर ट्रेनरों के जिला स्तरीय प्रशिक्षण का बीआरसी में डीपीओ एसएसए व अन्य ने किया उद्घाटन.
डोर टू डोर सर्वेक्षण आधार पर अनामांकित पाये गये आठ से 14 वर्ष के विद्यार्थियों के लिये चिन्हित विद्यालय से जोड़ने का अभियान शुरू हो गया है. बुधवार को नगर के बीआरसी के ट्रेनिंग हॉल में गैर आवासीय प्रशिक्षण का डीपीओ योगेश कुमार,अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक राजेश रावत,सदर बीइओ शक्तिनाथ झा, बीइपी के प्रशिक्षण संभाग प्रभारी पंकज मिश्रा ने संयुक्त उद्घाटन किया. इस मौके पर डीपीओ श्री कुमार ने कहा कि जिलाभर में प्रखंडवार सर्वेक्षण में ड्रॉपआउट मिले कुल 3,246 बच्चों को विद्यालय से जोड़ने हम सबकी साझा जिम्मेदारी है.
उनके लिये चिन्हित विद्यालयों में नामित शिक्षक -शिक्षिकाओं द्वारा छह या नौ माह का उम्र सापेक्ष विशेष प्रशिक्षण दिया जाना है.जिला भर में पाये गये कुल 3,246 ऐसे बच्चों को बीते 25-28 जुलाई तक में पटना में सम्पन्न राज्य स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षक द्वारा अगस्त के प्रथम सप्ताह में जिला एवं अगस्त के दूसरे सप्ताह में नामित शिक्षकों का प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण के बाद पहली सितंबर से गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण प्रारंभ करने की योजना है.अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार रावत ने बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशानुसार जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले वैसे बच्चे जो किसी कारण से छिजित है या अनामांकित है उनको विद्यालय से जोड़ने के लिए इस विशेष प्रशिक्षण को दिया जा रहा है, प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक अपने प्रखंड के नामित शिक्षकों को उक्त प्रशिक्षण देंगे और फिर विद्यालयों में बच्चों के लिए गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण संचालित किया जायेगा.
प्रशिक्षण के नोडल पदाधिकारी पंकज कुमार मिश्रा ने बताया कि आउट ऑफ स्कूल से लेकर ड्रॉप आउट बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए अब उनके लिए चयनित मास्टर ट्रेनरों का चार दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण बुधवार से शुरू हो गया है. इस मौके पर राज्यस्तरीय प्रशिक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि जिले के प्रत्येक प्रखंड से दो-दो शिक्षकों का प्रशिक्षण शनिवार तक चलेगा. वहीं प्रशिक्षक सह केआरपी राहुल राज, अविनाश कुमार ने बताया कि विद्यालय से बाहर के बच्चों को जोड़कर उनका विद्यालय में ठहराव सुनिश्चित करने, उनको उम्र सापेक्ष दक्ष करने हेतु यह प्रशिक्षण चल रहा है.इसके तहत 8 से 10 वर्ष तक के बच्चों को चिन्हित कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है. विद्यालय के बाहर के बच्चों को सर्वप्रथम चिन्हित कर उनका नामांकन उम्र के सापेक्ष आस -पास के विद्यालय में करा देना है.