Prayagraj News : डॉक्टर अर्चना सुसाइड केस में AMA ने पुलिस को बताया जिम्मेदार, कही यह बात
Prayagraj News: एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुजीत सिंह ने इस घटना के पीछे पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दौसा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना के सुसाइड के पीछे पुलिस और नेताओं की सांठ गांठ है.
Prayagraj News: राजस्थान के दौसा जिले की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना शर्मा के सुसाइड प्रकरण को लेकर देश भर के डॉक्टरों ने अपना विरोध और आक्रोश व्यक्त किया है. इस संबंध में शुक्रवार रात जहां मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाल कर विरोध जताया था, वहीं आज यानी शनिवार को AMA (इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस की.
पुलिस और नेताओं की सांठ गांठ है आत्महत्या की वजह
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुजीत सिंह ने इस घटना के पीछे पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दौसा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना के सुसाइड के पीछे पुलिस और नेताओं की सांठ गांठ है. इस संबंध में एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसने घटना की पोल खोल दी है. एसोसिएशन प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करता है.
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बिना जांच कार्रवाई के कारण यह घटना हुई
डॉ. ललिता शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर मरीज की जान बचाता है. डॉ अर्चना शर्मा गोल्ड मेडलिस्ट थीं, जिन्होंने अपने पति के साथ लालसोट जैसी छोटी जगह में अस्पताल बनाया था. एक मरीज की डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम हेमरेज कॉमन कांप्लिकेशन है, जिसमें डिलीवरी के बाद अक्सर अधिक रक्त श्राव होने से पेशेंट की मौत हो जाती है. वहीं, इस संबंध में बिना जांच के कार्रवाई के कारण यह घटना हुई. प्रशासन को जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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पीड़ित परिवार को बरगला कर कराए जाते हैं प्रोटेस्ट
वहीं, इस संबंध में एसोसिएशन के वित्त सचिव व शहर के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. युगांतर पांडेय ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि अक्सर इस तरह के मामलों में मरीज के परिजन सच्चाई से वाकिफ होते हैं. लेकिन, घटना के बाद स्थानीय नेता और दलाल द्वारा मरीज और पीड़ित परिवार को बरगला कर इस तरह के प्रोटेस्ट कराए जाते हैं, जिसमें स्थानीय पुलिस भी इन्वॉल्व होती है. इस मामले में भी ऐसा हुआ है.
राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए डॉक्टरों को फंसाया जा रहा
उन्होंने कहा कि डॉक्टर अर्चना एक प्रतिभाशाली और गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर थी. मृतक महिला की उनके द्वारा यह तीसरी डिलीवरी थी. पुलिस द्वारा इस मामले में हत्या का मुकदमा यह बताता है कि आज राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए डॉक्टरों को किस तरह फंसाया जा रहा. इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कारवाई की जानी चाहिए. इस दौरान डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. राजेश मौर्या, डॉ.अनूप चौहान, डॉ. शार्दूल सिंह, डॉ. संतोष सिंह, समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज