IIT Dhanbad Convocation: जीवन में अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है, जो आज है, वह कल बदल सकता है. ऐसे अनिश्चिता के माहौल में केवल वहीं आगे निकल सकता है, जिसमें सीखने का जुनून हो. इस अनिश्चित माहौल में इंसान नाकामयाब भी होता है. लेकिन सफलता उसे ही मिलती है, हो अपनी नाकामयाबी से सीखता है. यह बातें आइआइटी आइएसएम के 41वें दीक्षांत समारोह के दौरान टाटा स्टील के न्यू मैटेरियल बिजनेस विंग के वाइस चेयरमैन डॉ देवाशीष भट्टाचार्जी ने कही.
उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह 11वीं में साइंस में फेल हो गये थे. पूरा घर परेशान हो गया था. लेकिन उन्होंने फिर मेहनत की और न सिर्फ 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग में भी दाखिला मिला. इजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान भी वह फेल हुए थे. लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. फेलियर से कभी घबराएं नहीं, हमेशा उसका सामना किया है. उन्होंने छात्रों से कहा कि विनम्र रहें और दूसरों के लिए अवसर पैदा करें. कोई भी अपने दम पर सफल नहीं होता है, हम हमेशा दिग्गजों के कंधों पर खड़े होते हैं. ऐसे लोगों में आपके माता-पिता, शिक्षक, मित्र, यहां तक कि वह लोग भी जिनसे आप अनजान हैं और जिन्हें आपने नहीं देखा है, आपके लिए अवसर पैदा करते हैं और यह आपके लिए सफलता की राह बनाते हैं.
संस्थान के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने कहा कि छात्र अपने जुनून के दम पर अपनी सफलता हासिल कर सकते हैं. इससे पूर्व दीक्षांत समारोह की शुरुआत सुबह नौ बजे पेनमैन में रोबिंग एरिया में मुख्य अतिथि के आगमन के साथ हुआ. यहां उन्होंने पहले सीनेटरों के साथ बातचीत की. इसके बाद प्रभारी रजिस्ट्रार पीके सिन्हा के नेतृत्व में एक अकादमिक जुलूस समारोह हॉल में पहुंचा. इसके साथ ही समारोह की शुरूआत हो गयी. समारोह की शुरुआत मंगलाचरण गीत के गायन के साथ शुरू हुआ.
दीक्षांत समारोह के दौरान एकेडमिक वर्ष 2020-21 में पढ़ाई पूरी करने वाले 1423 छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी. इसमें बीटेक, एमटेक, एमएससी टेक, एमबीए एवं पीएचडी छात्र शामिल थे. 55 छात्रों को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया गया. प्रेसिटेंड गोल्ड मेडल पाने वाले कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच टॉपर छात्र अजीत कुमार को कुल छह गोल्ड मेडल मिला. इसके साथ दीक्षांत समारोह के दौरान कुल आठ छात्र को सिल्वर मेडल, 16 को प्रायोजित अवार्ड और दो छात्रों एल्मुनाइ एसोसिएशन अवार्ड प्रदान किया गया. डॉ देवाशीष भट्टाचार्जी ने कुल 50 संस्थान पदक प्रदान किया. इसमें प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल भी शामिल है. दीक्षांत समारोह अलग अलग सत्र में आयोजित किया गया. पहले सत्र में 41 गोल्ड और सिल्वर मेडल प्रदान किया गया. प्रोफेसर प्रेम व्रत ने भी प्रायोजित पदक प्रदान किया. निदेशक राजीव शेखर ने कुल 290 डग्री प्रदान की. दूसरे सत्र में प्रो राजीव शेखर ने 352 बीटेक छात्र को डिग्री प्रदान की गयी. जबकि तीसरे सत्र में उन्होंने 330 डिग्री प्रदान की.