धनबाद में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का सपना टूटा, यहां की अत्याधुनिक मशीनें भेजी जायेंगी एम्स कल्याण व जबलपुर
धनबाद में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शुरू होने का सपना टूटता दिख रहा है. एजेंसी हाइट्स ने एसएनएमएमसीएच प्रबंधन को जानकारी दी कि अस्पताल शुरू होने के आसार नहीं हैं. मशीनें पड़ी-पड़ी खराब हो जाएंगी.
विक्की प्रसाद, धनबाद. शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) परिसर में बने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शुरू होने का सपना टूटता दिख रहा है. इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए मंगायी गयीं मशीनें दूसरी जगह ले जाने की तैयारी है. अस्पताल के अब तक शुरू नहीं होने और इसके लिए चिकित्सक नहीं मिलने के कारण ऐसा निर्णय किया गया है. यहां अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध कराने वाली एजेंसी हाइट्स ने इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जानकारी दी है.
झारखंड: धनबाद का सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
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एजेंसी ने कहा है कि इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शुरू होने की संभावना नहीं दिख रही है. ऐसे में यहां रखे-रखें इन अत्याधुनिक मशीनों के खराब होने की संभावना है. इस वजह से मशीनों को दूसरी जगह भेजना आवश्यक है. जब सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शुरू होगा, तो दूसरी मशीनें धनबाद के लिए मुहैया करायी जायेगी. याद रहे कि एसएनएमएमसीएच कैंपस में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनकर तैयार है, पर चिकित्सक नहीं मिलने के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका है. हाल ही में रांची में इसके लिए साक्षात्कार का आयोजन किया गया था, पर एक भी चिकित्सक उसमें शामिल होने नहीं आया.
झारखंड: धनबाद का बदहाल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, करोड़ों खर्च के बाद टूटा सपना
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187 करोड़ खर्च के बाद भी सुविधाएं मयस्सर नहीं
चार बार निकली वैकेंसी, पर नहीं मिले चिकित्सक : सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं. सरकार ने यहां चिकित्सकों के 94 पद स्वीकृत किये हैं. अब तक चार बार चिकित्सकों की बहाली के लिए वैकेंसी भी निकाली गयी, लेकिन साक्षात्कार के लिए एक भी डॉक्टर नहीं पहुंचा. इसके लिए एमसीएच और इससे समतुल्य पद के डॉक्टरों की बहाली होनी हैं. इसके अलावा प्रशिक्षित कर्मचारियों की भी बहाली होनी है. इसके लिए 300 से ज्यादा कर्मचारियों के पद सृजित किये गये हैं. पर तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ नहीं हुआ.
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2012 में बनी थी कार्ययोजना
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2015 में राज्य व केंद्र सरकार के बीच एमओयू
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2016 में शुरू हुआ निर्माण कार्य
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2017 दिसंबर की जगह इस साल पूरा हुआ कार्य
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80 करोड़ रुपए भवन निर्माण पर खर्च
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87 करोड़ रुपये मशीन व उपकरण की खरीदारी पर खर्च
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25 एकड़ जमीन पर बना है अस्पताल
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जमीन विवाद के कारण काम पर असर पड़ा, तो 2020 में कोरोना महामारी ने डाला व्यवधान
यह भी जानें
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पीएसएसवाइ के तहत मिली राशि का 85% केंद्र सरकार व 15% राज्य सरकार ने किया वहन
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केंद्र सरकार ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए 167 करोड़ रुपये आवंटित किये
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अस्पताल की क्षमता 200 बेड की है. इसमें 160 जनरल और 40 आइसीयू बेड हैं
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आठ माड्यूलर ऑपरेशन थियेटर अस्पताल में स्थापित किये गये हैं
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अस्पताल में अलग से रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी की भी तैयारी है
इस कारण नहीं आना चाहते हैं चिकित्सक
एयरपोर्ट नहीं होना : धनबाद में एयरपोर्ट नहीं होना सुपर स्पेशियलिटी के लिए ग्रहण साबित हो रहा है. एयरपोर्ट नहीं होने के कारण बाहर के चिकित्सक धनबाद आना नहीं चाहते हैं. धनबाद के चिकित्सक भी इस बात को मानते हैं.
सुरक्षा की गारंटी नहीं : सुरक्षा को लेकर भी चिकित्सक धनबाद आने से परहेज करते हैं. हाल के कुछ वर्षों में यहां चिकित्सकों पर हमले तेज हुए हैं. यहां के चिकित्सक गैंस्टरों की रडार पर हैं. चिकित्सकों से रंगदारी मांगने की बात भी सामने आ चुकी है. यही वजह है कि सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलने के कारण बाहर के चिकित्सक धनबाद आने से परहेज कर रहे हैं.
मंगवाई गयी हैं 87 करोड़ की मशीनें
बता दें कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए लगभग 87 करोड़ रुपये की लागत से मशीनें मंगवायी गयीं हैं. इनमें से कई मशीनों को एजेंसी ने इंस्टॉल भी कर दिया गया है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार यहां लगने वाली सभी मशीनें अत्याधुनिक हैं.
एजेंसी हाइट्स ने कही मशीनें शिफ्ट करने की बात
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए मशीनें उपलब्ध कराने वाली एजेंसी हाइट्स ने यहां की मशीनों को एम्स, कल्याणपुर व जबलपुर शिफ्ट करने की बात कही है.
पहले ही छीना जा चुका है एम्स
धनबाद में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदहाल है. यहां एकमात्र सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच है. इस अस्पताल में अभी भी कॉर्डियोलॉजी, नेफरोलॉजी, न्यूरोलॉजी जैसी बीमारियों के उपचार की व्यवस्था नहीं है. यहां बीच में एम्स लाने की बात हुई थी. प्रस्ताव भी बना था. लेकिन, एम्स का निर्माण देवघर में हो गया. उसके विकल्प के रूप में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को पेश किया जा रहा था. लेकिन अब इस पर भी ग्रहण लग रहा है.
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए मशीन मुहैया कराने वाली एजेंसी हाइट्स ने मशीनों को दूसरी जगह शिफ्ट करने संबंधित जानकारी दी है. हालांकि, अबतक मशीनों को दूसरी जगह शिफ्ट करने संबंधित कोई लिखित निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मुख्यालय से प्राप्त नहीं हुआ है. मुख्यालय से जैसा निर्देश मिलेगा, उसी मुताबिक कार्य किया जायेगा.
डॉ ज्योति रंजन प्रसाद, प्राचार्य, एसएनएमएमसीएच, धनबाद