जगन्नाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू, अब फटी जींस-स्कर्ट और निकर पहनकर दर्शन नहीं कर सकेंगे श्रद्धालु
जगन्नाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. अब श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए ‘शालीन वस्त्र’ पहनने होंगे. हॉफ पैंट, फटी हुई जींस, स्कर्ट और बिना आस्तीन के कपड़े पहनने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
ओडिसा स्थित पूरी के श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने सोमवार को निकर, फटी जींस, स्कर्ट व बिना आस्तीन वाले कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश करने पर रोक लगा दी. यह जानकारी मंदिर के पदाधिकारियों ने दी. मंदिर प्रशासन ने कहा कि परिसर में ड्रेस कोड अब अनिवार्य कर दिया है. नव वर्ष से मंदिर परिसर में गुटखा और पान खाने तथा प्लास्टिक और पॉलिथीन का इस्तेमाल करने पर भी पूर्ण रोक लगा दी गयी है. यह ड्रेस कोड आगे भी लागू रहेगा. वहीं, कुछ पुरुष श्रद्धालुओं को धोती और तौलिया पहने हुए देखा गया और महिलाएं साड़ी या सलवार कमीज में नजर आयीं. धर्म की खबरें
श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए नई गाइडलाइन जारी
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन द्वारा जारी किया गया दिशानिर्देश के अनुसार श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए ‘शालीन वस्त्र’ पहनने होंगे. हॉफ पैंट, फटी हुई जींस, स्कर्ट और बिना आस्तीन के कपड़े पहनने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस नियम के लागू होने से 2024 के पहले दिन मंदिर आ रहे पुरुष श्रद्धालुओं को धोती और तौलिया पहने हुए देखा गया और महिलाएं साड़ी या सलवार कमीज में नजर आईं, इस संबंध में एक आदेश जारी किया था और पुलिस से इन पाबंदियों को लागू करने के लिए कहा गया है.
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जगन्नाथ मंदिर की खासियत
जगन्नाथ मंदिर वैष्णव सम्प्रदाय का मन्दिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है. जगन्नाथ मंदिर में श्री कृष्ण ही भगवान जगन्नाथ के रूप में विराजमान हैं. इस मन्दिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और सारे पाप धुल जाते हैं.
भगवान जगन्नाथ का पसंदीदा खाना क्या है?
भगवान जगन्नाथ के लिए उनकी रसोईं में प्रतिदिन भात, दाल, दालमा और अन्य प्रकार के पकवान तैयार किए जाते हैं, इसमें सादी खिचड़ी, नुखुरा खिचड़ी, करमाबाई खिचड़ी, दही पाखाल, बेसर, भाजी, सुबास परवाल, आदि चढ़ाया जाता है. इस भोग को आप मंदिर परिसर में आनंद बाजार से प्राप्त कर सकते हैं.