प्रखंड की बानासाड़ी पंचायत के कसियाडीह गांव में पेयजल संकट गहरा गया है. पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पानी के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. गांव के लगभग सभी जलस्त्रोत सूख गये हैं. गांव में लगा एक जलमीनार, पांच चापानल खराब हो गया है. तीन तालाब व तीन कुआं में दो कुआं सूख गया है. जबकि एक का जलस्तर काफी नीचे चला गया है.
ग्रामीणों को 500 मीटर दूर एक खेत के कुआं से पानी लाना पड़ रहा है. इस कुआं में पानी भरने के लिए दिनभर भीड़ लगी रहती है. लोगों को नहाने, कपड़ा धोने, पीने व मवेशियों को पानी पिलाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इस गांव की आबादी लगभग 500 है. सभी कृषि पर ही निर्भर रहते हैं. पानी के अभाव में किसान अपनी फसलों का पटवन नहीं कर पा रहे है. इससे फसल भी मुरझा कर मर रहे हैं. लोगों को पानी पीने व फसलों को बचाने में दिक्कत हो रही है.
ग्रामीण रमेश महतो ने कहा कि सुबह उठते ही पानी के लिए सोचना पड़ता है. नगिया देवी ने कहा कि पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. रामेश्वर महतो ने कहा कि पीने और नहाने के लिए मुश्किल हो रहा है. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि एक माह से गांव में पानी की घोर किल्लत है. सभी जलस्रोत सूख गये हैं. किशुन प्रसाद ने कहा कि पीने के साथ-साथ नहाने धोने के लिए हर दिन सोचना पड़ रहा है. जिरुआ देवी, आनंदी महतो, जगरनाथ महतो समेत अन्य लोगों ने उपायुक्त से पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है.