रांची : 12 सितंबर से रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों को मनाने गये शनिवार को पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर को बैरंग लौटना पड़ा. सहायक पुलिसकर्मियों ने स्थायी करने की मांग करते हुए आंदोलन समाप्त करने से इंकार कर दिया. उन्होंने मंत्री को खरी-खोटी भी सुनायी.
मंत्री ने सहायक पुलिसकर्मियों से कहा कि सरकार ने तीन मुद्दों पर सहमति जतायी है. पहला सहायक पुलिसकर्मियों के मानदेय में वृद्धि की जायेगी. दूसरा तीन साल के अनुबंध को विस्तार किया जायेगा. तीसरा पुलिस में जब नियुक्ति प्रक्रिया होगी, उसमें प्राथमिकता के तौर पर ज्यादा प्वाइंट्स दिये जायेंगे.
लेकिन इस पर सहायक पुलिसकर्मी नहीं मानें. इस पर मंत्री ने वर्दी पहन कर नेतागिरी और आंदोलन करने को गलत बताया. यह सुन आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मी आक्रोशित हो गये. कहा कि लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागते समय सरकार को वर्दी का ध्यान नहीं आया था. सरकार वर्दी खरीदने के लिए पैसे नहीं देती है. सभी ने अपने पैसे से वर्दी खरीदी है.
आंदोलनकारियों को आक्रोशित होते देख सब कुछ ठीक होगा कहते हुए मंत्री वहां से निकल गये. इससे पूर्व सहायक पुलिसकर्मियों की ओर से मंत्री को मांग पत्र भी सौंपा गया. जिस पर मंत्री ने मांग पत्र को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने की बात कही. दूसरी ओर आज दिन भर नेताओं का आना लगा रहा.
साथी हुआ घायल, गुस्से में कार को क्षतिग्रस्त कर पलट दिया : दूसरी ओर सहायक पुलिसकर्मियों का गुस्सा शनिवार की शाम को भी फूट पड़ा. हुआ यूं कि मोरहाबादी मैदान में ही कुछ युवक कार चलाना सीख रहे थे. इस दौरान मोरहाबादी सब्जी मार्केट के समीप एक सहायक पुलिसकर्मी को तेज गति से आ रही कार से धक्का लग गया.
इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इस घटना से आक्रोशित सहायक पुलिसकर्मियों ने कार चालक और उसके तीन-चार साथियों को पीट दिया. इसी बीच पीसीआर ने उक्त युवकों को कब्जे में ले लिया. देखते ही देखते कई सहायक पुलिसकर्मी वहां जुट गये. साथी को घायल देख वे लोग आपे से बाहर हो गये.
उन्होंने पत्थर और डंडे के अलावा कूद-कूदकर कार को क्षतिग्रस्त कर दिया. आगे का शीशा के अलावा लाइट, साइड मिरर और पिछले हिस्से को पत्थर से क्षतिग्रस्त कर दिया. फिर कार को पलट दिया. इसके बाद भी कार को क्षतिग्रस्त करना नहीं छोड़ा. उधर, कार चला रहे युवकों को पीसीआर की टीम मोरहाबादी टीओपी ले गयी. वहीं कार से घायल सहायक पुलिसकर्मी को इलाज के लिए रिम्स ले जाया गया.
करीब 45 मिनट तक अफरातफरी का माहौल रहा. कार चला रहे युवक का कहना था कि ब्रेक फेल हो गया था. हैंड ब्रेक से गाड़ी को कंट्रोल कर रहा था, तब तक सहायक पुलिसकर्मी को धक्का लग चुका था. फिलहाल युवक कितना सच कह रहे हैं, यह तो एमवीआइ जांच होने के बाद ही पता चलेगा. s2.38 करोड़ पशुओं का होगा टीकाकरण
posted by : sameer oraon