झारखंड के इस पत्थर खदान में हाइवा गिरने से ड्राइवर की मौत, सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर उठे सवाल

कोडरमा के नवलशाही थाना क्षेत्र स्थित जमडीहा मौजा में संचालित पत्थर खदान में हुआ हादसा हुआ. बोल्डर लोड कर खदान से बाहर निकल रहा हाइव अनियंत्रित होकर गहरे खदान में जा गिरा. इससे ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गयी. इस हादसे के बाद एक बार फिर खदान में सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर सवाल उठने लगे हैं.

By Samir Ranjan | November 27, 2022 7:03 PM

Jharkhand News: कोडरमा जिला अंतर्गत नवलशाही थाना क्षेत्र के चमारो मंडी स्थित जमडीहा मौजा में संचालित पत्थर खदान में एक हाइवा के अनियंत्रित होकर गिर जाने से हाइवा चालक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के कुंडीधनवार निवासी ओम कुमार यादव (26 वर्ष) पिता राजेंद्र यादव के रूप में हुई है.

बोल्डर लोडकर खदान से निकल रहा था बाहर, हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, युवक उक्त खदान से हाइवा में बोल्डर लोड कर खदान से बाहर निकल रहा था. वह कुछ दूर ही निकला था कि हाइवा अनियंत्रित होकर गहरे खदान में जा गिरा, जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई. घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई. वहीं, घटना की सूचना पर इंस्पेक्टर श्रीराम पासवान, थाना प्रभारी पंचम तिग्गा, एसआई रंजीत कुमार, एएसआई कृष्णा राम पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए ग्रामीणों के सहयोग से शव को खदान से बाहर निकलवाया. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए कोडरमा सदर अस्पताल भेज दिया है. जिस खदान में हादसा हुआ है वह नवलशाही निवासी पत्थर व्यवसायी भीम साव का बताया जा रहा है, जबकि हाइवा भिमेडीह निवासी मुकेश कुमार ठाकुर का है. खदान की लीज अवधि इसी वर्ष दिसंबर में खत्म होने वाली है.

सुरक्षा नियमों की अनदेखी से हो रहे हादसे

जिले के पत्थर खदान में हादसे के बाद मौत होने का एक और मामला सामने आया है. इन हादसों के बाद सुरक्षा नियमों की अनदेखी का सवाल हर बार उठता है, पर इसके अनुपालन को लेकर विभागीय सख्ती पूरी तरह नहीं दिखती. यही कारण है कि कुछ माह के अंतराल में इस तरह की घटनाएं होती रहती है. नवलशाही थाना क्षेत्र के चमारो मंडी स्थित जमडीहा मौजा में संचालित जिस पत्थर खदान में रविवार को हादसा हुआ. उसकी लीज अवधि दिसंबर 2022 में ही खत्म होने वाली है. ऐसे में यहां जोर शोर से खनन का कार्य चल रहा था. इस कार्य में नियमों का कितना अनुपालन किया जा रहा था यह विभागीय जांच का विषय है, पर घटनास्थल की तस्वीरें काफी कुछ बयां कर रही थीं.

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सुरक्षा को लेकर उठने लगे सवाल

खदान की गहराई करीब 200 फीट से ज्यादा है, लेकिन हाइवा चालक मात्र 30 फीट की ऊंचाई से ही दुर्घटना का शिकार हो गया और उसे जान गंवानी पड़ी. हर बार की तरह घटना के बाद लोगों की भारी भीड़ जमा हुई. पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, पर इस घटना ने एक बार फिर कई सवालों को उठा दिया है. खान सुरक्षा को लेकर जिस खनन सुरक्षा निदेशालय की सबसे बड़ी जिम्मेवारी होती है उसके अधिकारी कभी-कभार ही नियमों के अनुपालन को लेकर जांच व सख्ती करते दिखते हैं. अगर नियमों के अनुपालन को लेकर सख्ती रहती तो शायद इस प्रकार की घटनाएं कम होती. बहरहाल, इस घटना में कुंडीधनवार निवासी ओम कुमार यादव (26 वर्ष) पिता राजेंद्र यादव की मौत से परिवार का एकलौता चिराग बूझ गया है. ओम चार बहनों में एकलौता भाई था. उसकी मौत के बाद परिजनों के क्रंदन से माहौल गमगीन दिखा. ओम की शादी एक वर्ष पूर्व ही हुई थी. घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

क्षेत्र में संचालित हैं कई खदान

क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में पत्थर खदान संचालित हैं. अभ्रक के बाद पत्थर खनन के कारण ही कोडरमा में अर्थव्यवस्था सरपट दौड़ लगा रही है, पर आश्चर्य तब होता है जब पत्थर खदान में खनन कार्य हाई रिस्क में और सुरक्षा मानक की अवहेलना कर किया जाता है. बेशक पत्थर खनन से सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है, लेकिन खनन के आड़ में नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. नियमों को ताख पर रखकर पत्थर खदान संचालित होने से दुर्घटना होने पर उसका शिकार गरीब और मजदूर होते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो क्षेत्र में संचालित खदानों में खदान मालिकों द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने का ही नतीजा इस तरह की घटना है.

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