पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज थाना की पुलिस ने नशे के कारोबार का खुलासा किया है. बताया है कि मणिपुर से बंगाल के रास्ते बांग्लादेश को नशीली दवाइयों की सप्लाई होती है. एक टैबलेट जो 25 रुपये में मणिपुर से खरीदी जाती है, उसे 100 रुपये में बेचा जाता है. यानी एक रुपये लगाकर 4 रुपये की कमाई हो रही है. ऐसे ही चार लोगों को फरक्का से पुलिस ने गिरफ्तार किया. इनके पास से 9,000 टैबलेट बरामद हुए हैं.
पुलिस ने बताया कि शनिवार देर शाम को नशीले टैबलेट इयाबा के साथ मणिपुर के फारूक अहमद (37), मो बिलालउद्दीन (27), असम के सलमान हुसैन तालुकदार (28) और सूती थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव निवासी अख्तर शेख को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने चारों को शमशेरगंज थाना क्षेत्र के डाकबंगला मोड़ के पास ओटू अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया है.
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गिरफ्तार किये गये सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया गया है. उपरोक्त जानकारी जंगीपुर एसपी वीजी सतीश पशुमार्थी ने रविवार को प्रेसवार्ता कर दी. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि शमशेरगंज के पास ड्रग्स की डिलीवरी होने वाली है. इस सूचना पर फरक्का-शमशेरगंज रूट पर तलाशी के लिए एक टीम का गठन किया गया.
टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारियों ने शनिवार की शाम को डाक बंगला मोड़ के पास ओटू अस्पताल के पास कुछ युवकों की संदिग्ध गतिविधि देखी. जांच करने पर उनके पास से नशीली दवा मिली. एसपी ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट से 9 हजार पीस इयाबा टैबलेट लेकर मणिपुर के फारूक अहमद, मो बिलालउद्दीन व असम के सलमान हुसैन तालुकदार पाकुड़ पहुंचे और वहां से सूती थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव निवासी अख्तर शेख को डिलीवरी करने के लिए डाक बंगला आया. जहां पुलिस की टीम ने चारों को दबोच लिया.
इयाबा टैबलेट को मणिपुर में 25 रुपये पीस की दर से खरीदकर डाक बंगला लाया गया था. यहां एक टैबलेट को 100-200 रुपये में बेचा जाता है. यही टैबलेट जब बांग्लादेश पहुंच जाता है, तो इसकी कीमत और बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि पुलिस रिमांड में लेकर इनके पूरे सिंडिकेट का पता लगाया जा रहा है, ताकि पता चल सके कि नशीले कारोबार में कौन-कौन लोग शामिल है.