दरभंगा के युवा व किशोर नशे की दलदल में लगातार धंसते जा रहे है. नशापान कर किशोर व युवा अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे देते हैं. इससे उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है साथ ही विधि व्यवस्था की भी समस्या पैदा होती जा रही है.
हाल के दिनों में जिले में नशापान कर युवा व किशोर वर्ग के लड़कों ने कई घटना को अंजाम दिया है. नशे के लिए किशोर व युवा नये-नये तरीके अपना रहे हैं. पूर्व में ये सिगरेट, गांजा व भांग का सेवन करते थे. हाल के दिनों में नशा का ट्रेंड बदला है. नशा के रुप में कफ सीरप के अलावा व्हाइटनर आदि का उपयोग किया जाने लगा है.
नशे की दलदल से किशोर व युवाओं को बाहर निकालने को लेकर पुलिस व ड्रग विभाग के अधिकारी सख्ती नहीं दिखा रहे है. सुनसान इलाकों में ऐसे लड़के एकत्र होकर नशापान नहीं कर सके, इसके लिए पुलिस की लगातार गश्त नहीं लगती. पूर्व में तत्कालीन सदर एसडीपीओ दिलनवाज अहमद के नेतृत्व में पुलिस की ओर से इस दिशा में लगातार व सख्त कार्रवाई की गयी थी.
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सुनसान इलाकों में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गयी थी. इसके अलावा ड्रग विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर दवा का अवैध कारोबार करने वाले दुकानदारों के यहां छापेमारी की गयी थी. दवा विक्रेता संघ के अलावा अन्य संगठनों के साथ एसडीपीओ दिलनवाज अहमद ने बैठक की थी.
ड्रग विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भी किशोर व युवाओं को नशापान के रुप में उपयोग होने वाली दवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती है. हालांकि एसएसपी बाबू राम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधिकारियों को सुनसान इलाकों में लगातार गश्त करते हुए छापेमारी का निर्देश दिया है.
नशा के लिए कफ सीरप, नींद के लिए उपयोग होने वाले टेबलेट व बेहोशी का इंजेक्शन लेने का युवाओं में प्रचलन बढ़ा है. कई युवक नशा के लिए व्हाइटनर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. रूमाल में डालकर युवक व्हाइटनर सूंघते हैं.
इन नशीली दवाओं का सेवन करने वाले कई युवक अपराध की ओर बढ़ रहे हैं. नशा के लिए इन युवकों द्वारा छिनतई व झपटमारी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हैं. शाम ढ़लते ही नशा करने वाले युवा व किशोर टोली बनाकर सुनसान इलाकों में एकत्र होते हैं. सुनसान होने के कारण आराम से नशापान कर वहां से वे देर रात निकलते हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan