कम बारिश से सरायकेला-खरसावां जिला में सुखाड़ की स्थिति, खरीफ फसल प्रभावित, जायजा लेने पहुंचे अधिकारी
कोल्हान प्रमंडल अंतगर्त सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न क्षेत्रों में सूखे की स्थिति है. कम बारिश होने के बाद खरीफ फसल प्रभावित हुआ है. इससे किसान परेशान हैं. बुधवार को कृषि विभाग के अधिकारी इन क्षेत्रों का जायजा लिया. अधिकारी के मुताबिक, राज्य सरकार को जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
Jharkhand News: सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न क्षेत्रों में इस वर्ष काफी कम बारिश होने के कारण खरीफ फसल की खेती प्रभावित हुई है. क्षेत्र में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इसका जायजा लेने के लिए कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक फणींद्र नाथ त्रिपाठी बुधवार को सरायकेला-खरसावां जिला के दौरे पर पहुंचे. उन्होंने गम्हरिया, सरायकेला, खरसावां एवं कुचाई प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के खेतों में जाकर इस वर्ष खरीफ की खेती का जायजा लिया. साथ ही किसानों से मिलकर खेती की स्थिति की जानकारी ली.
सरकार को जल्द सौंपेंगे रिपोर्ट
क्षेत्र में खेतों का जायजा लेने के बाद अतिरिक्त निदेशक श्री त्रिपाठी ने कहा कि बारिश, खेती एवं सुखाड़ के संबंध में आकलन करने आये हैं. बारिश की कमी के कारण अधिकांश क्षेत्रों में खरीफ की खेती नहीं हो पायी है. सरायकेला-खरसावां जिला में सुखाड़ की स्थिति है. सरकार को जल्द ही इस पर रिपोर्ट देंगे.
खरसावां के खेतों में मवेशियों को चरते देखा गया
कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री त्रिपाठी ने किसानों से भी बातचीत कर खेती के संबंध में जानकारी प्राप्त की. इस दौरान अधिकांश क्षेत्रों में खेत सूखे पाये गये. कई जगहों पर खेतों में मवेशियों को चरते देखा गया. किसानों ने बताया कि धान की खेती नहीं हो पायी है. समय पर बारिश नहीं होने के कारण खेतों में धान नहीं लगाया जा सका. इस वर्ष ठीक ढंग से खेतों में फसल का अच्छादन नहीं हुआ है. खरीफ की खेती इस वर्ष नहीं हो पायी है. इस वर्ष सफल नहीं हो पाया है.
रामगढ़ गांव के खेतों का किया निरीक्षण
श्री त्रिपाठी ने बताया कि खरसावां के रामगढ़ गांव में खेती का आकलन करने पर पाया गया कि अधिकांश खेती योग्य भूमि खाली पड़े हुए हैं. धान की खेती नहीं हो पायी है. वर्तमान समय में हो रही बारिश से भी कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. धान का फसल लगाया ही नहीं और जा लगा है वहां बारिश की कमी के कारण उपज कैसे होगा. छिंटा विधि से लगाए गए धान के फसल भी सूख गये हैं. इस दौरान मुख्य रूप से प्रखंड तकनीकी प्रबंधक नीरज श्रीवास्तव उपस्थित थे.
रिपोर्ट : शचिंद्र कुमार दाश, सरायकेला-खरसावां.