16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में बालू उठाव बंद होने से हजारों मजदूर हुए बेरोजगार, रोजगार की तलाश में करने लगे पलायन

झारखंड में इन दिनों नदी घाटों से बालू उठाव पर रोक है. बालू उठाव बंद होने से मजदूरों के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी है. घर-परिवार चलाने के लिए मजदूर पलायन करने को विवश हैं. वहीं, निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ है.

Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सरकार के निर्देश के बाद नदी घाट से बालू का उठाव बंद है. वहीं, अवैध रूप से चल रहे क्रशर पर भी कार्रवाई हो रही है. इसके कारण बालू और गिट्टी की कमी होने लगी है. बालू-गिट्टी के कमी के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है. बालू-गिट्टी का उठाव करने वाले ट्रैक्टर का पहिया थम गया है, वहीं सैकड़ों मजदूर बेरोजगार हो गये हैं.

दस हजार से अधिक लोग प्रभावित

चतरा जिला के इटखोरी प्रखंड में पिछले एक माह से बालू उठाव बंद है. इसके कारण करीब एक सौ ट्रैक्टर खड़े हैं. इनमें काम करने वाले पांच हजार तथा राजमिस्त्रियों के अधीन काम करने वाले पांच हजार मजदूर समेत दस हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गये हैं. ये मजदूर अब रोजगार की तलाश में मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद समेत कई बड़े शहरों में पलायन करने को मजबूर हैं.

निर्माण कार्य हुआ प्रभावित

हालंकि, कुछ लोग रोजगार नहीं मिलने के कारण निराश होकर वापस अपने घर लौट गये हैं. लेकिन, अब इन मजदूरों के समक्ष भूखमरी की नौबत उत्पन्न हो गई है. बालू-गिट्टी के उठाव बंद होने से प्रखंड क्षेत्र में सभी तरह का निर्माण कार्य प्रभावित हो गया है. कई लोगों के छत ढलाई का काम रुका गया है.

Also Read: हजारीबाग में गहराया बालू-गिट्टी संकट, सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्य प्रभावित

क्या कहते हैंं मजदूर

इस संबंध में पगार के मनोज भुइयां ने कहा कि बालू उठाव बंद होने से बेरोजगार हो गये हैं. एक माह से ट्रैक्टर चलना बंद है. घर में बेकार बैठे हैं. भुखमरी की हालत हो गयी है. कहते हैं कि रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं. अगर यही हाल रहा, तो मुंबई चले जाएंगे. गांव के दर्जनों मजदूर मुंबई चले गये हैं. हमलोगों पर किसी का ध्यान नहीं है. वहीं, नंदू भुइयां ट्रैक्टर में मजदूर करते हैं. कहते हैं जब पुलिस प्रशासन की ओर से ट्रैक्टर पकड़ाने लगा, तो राजमिस्त्री के साथ मिलकर काम करने लगे. लेकिन, बालू की कमी के कारण निर्माण कार्य भी बंद हो गया, जिससे अब बेरोजगार होकर घर में बैठे हैं.

पलायन करने को विवश मजदूर

उन्होंने कहा कि सरकारी राशन से गुजारा कर रहे हैं. बिना दाल-सब्जी के नमक-रोटी अौर माड़-भात खाकर गुजारा कर रहे हैं. टोला क्षेत्र से कई मजदूर मुंबई और हैदराबाद चले गये हैं. सरकार पहले रोजगार के लिए बाहर से मजदूर बुलाते थे. अब उल्टा हमलोग बाहर जा रहे हैं. परोका के रंजीत भुइयां ने कहा कि एक माह से ट्रैक्टर खड़ा है. रोजगार के लिए हैदराबाद गये थे, लेकिन रोजगार नहीं मिला जिससे निराश होकर लौट आए. यही हाल रहा तो भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी.

15 अक्टूबर तक बालू उठाव पर रोक : सीओ

इस संबंध में सीओ रामविनय शर्मा ने कहा कि सरकार के आदेश पर बालू उठाव पर रोक लगाया गया है. एनजीटी का सख्ती से अनुपालन करना है.15 अक्टूबर तक बालू उठाव पर रोक लगाने का आदेश है. इस आदेश के आलोक में कार्रवाई जारी है.

Also Read: Jharkhand: माइनिंग लीज मामले में CM हेमंत सोरेन के वकीलों ने फिर मांगा समय, चुनाव आयोग ने जतायी नाराजगी

रिपोर्ट : विजय शर्मा, इटखोरी, चतरा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें