जामताड़ा : विभागीय उदासीनता की वजह से वीरान होने लगा है नारायणपुर का जंगल

डीवीसी ने रैयतों की जमीन पर पौधे लगाये थे. इसलिए लोग अब पेड़ों पर अपना हक जता रहे हैं. समय बीतने के साथ आप पेड़ बन चुका है. रैयतों का अपना तर्क है कि जमीन मेरा तो पेड़ भी मेरा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2023 2:09 AM
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नारायणपुर प्रखंड के एकसिंघा, मंडरो, नवाटांड़, चंद्रपुर समेत अन्य स्थानों पर आज से लगभग 10 वर्ष पूर्व दामोदर घाटी परियोजना की ओर से आक्सिया पौधे लगाये गये थे. पेड़ का आकार लेने के बाद वन विभाग की उदासीनता और मानवीय लालसा के कारण वीरान होने लगा है. दरअसल, इन दिनों नारायणपुर क्षेत्र में आक्सिया पेड़ों की कटाई लोग ईंधन के लिए कर रहे हैं. पेड़ों की कटाई रात में ही नहीं, बल्कि दिन में हो रहा है. विभागीय रोक-टोक नहीं होने के कारण और संभवतः लोगों में जागरुकता का अभाव है. पेड़ों की प्रतिदिन कटाई हो रही है, जिससे अब आक्सिया वन क्षेत्र वीरान सा लगने लगा है. वैसे तो केंद्र सरकार ने घरेलू महिलाओं को लकड़ी और गोबर के उपले से निकलने वाले विषैले धुएं से निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस पर लाखों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इन सबसे परे हटकर नारायणपुर के कई स्थानों पर लोग ईंधन के लिए एलपीजी का नहीं बल्कि आक्सिया के लकड़ियों का उपयोग कर रहे हैं. लोग बड़ी बेरहमी से दिन के उजाले में पेड़ों को काट रहे हैं और उसका उपयोग ईंंधन के लिए कर रहे हैं, जबकि लगभग नारायणपुर क्षेत्र के लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस सिलिंडर उपलब्ध करा दिया गया है. बावजूद पेड़ों की कटाई थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोग एलपीजी गैस से खाना बनाने की जगह लकड़ी के ईंधन को तवज्जो दे रहे हैं.


डीवीसी ने रैयतों की जमीन पर लगाए थे पौधे

डीवीसी ने रैयतों की जमीन पर पौधे लगाये थे. इसलिए लोग अब पेड़ों पर अपना हक जता रहे हैं. समय बीतने के साथ आप पेड़ बन चुका है. रैयतों का अपना तर्क है कि जमीन मेरा तो पेड़ भी मेरा. संभवतः इसलिए भी मनमाने तरीके से पेडों की कटाई कर रहे हैं. यही कारण है कि जो क्षेत्र आक्सिया पेड़ों की हरियाली से भरा था आज भी वीरान होने के कगार पर है.

एक रेंजर को दिया गया है पांच स्थानों का प्रभार

वन कार्यालय में भी कर्मियों का टोटा है. नारायणपुर वन क्षेत्र के रेंजर रामचंद्र पासवान को नाला, कुंडहित, जामताड़ा, नारायणपुर और देवघर जिला के एक वन क्षेत्र का प्रभार मिला हुआ है. इसलिए रेंजर साहब बहुत कम ही नारायणपुर क्षेत्र में नजर आते हैं. नारायणपुर वन क्षेत्र में पांच वनरक्षियों का पद सृजित है, लेकिन वर्तमान में एक पदस्थापित हैं. अब इतने बड़े वन क्षेत्र निगरानी एक व्यक्ति के जिम्मे भला कैसे संभव होगा.

क्या कहते हैं कर्मी

नारायणपुर वन क्षेत्र के वनरक्षी पुलक कुमार माल ने कहा आक्सिया के पेडों की कटाई होने की सूचना है. पौधरोपण डीवीसी की ओर से किया गया है. हमलोग लगातार ग्रामीणों को पेड़ों की कटाई रोकने का प्रयास कर रहे हैं. समय-समय पर ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं. बावजूद लोग पेड़ों की कटाई कर रहे हैं जो काफी चिंतनीय है. पेड़ों व वनों की रक्षा करना सभी जिम्मेदार नागरिकों का दायित्व है. क्योंकि वन है तो कल है. पेड़ों की कटाई रोकने के लिए ठोस पहल की जायेगी.

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