साहिबगंज : गंगा के तट पर तेजी से हो रहा कटाव, भय के साये में जी रहे लोग

जिले के नौ स्थानों पर इसलिए काफी समय से को रहे गंगा कटाव की स्थिति को देखते हुए गंगा पंप नहर विभाग ने सरकार को तकरीबन 56 करोड रुपए की लागत से 9 योजनाओं का प्रस्ताव भेजा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2023 2:08 AM

साहिबगंज : तमाम प्रयासों के बावजूद भी साहिबगंज जिले के कई इलाकों में गंगा कटाव से लोगों को निजात नहीं मिल पाया है. शहर के चानन गांव इलाका हो या फिर उधवा का खट्टी टोला और नक्की टोला समेत अन्य कई इलाके, जहां लोग अब भी गंगा कटाव से भय के साए में जीने को बिवस है. हालांकि जनप्रतिनिधियों के पल के बाद प्रशासन भी ईश्वर से काफी सुधार रखें और इन इलाकों में कटाव की समस्याओं से निजात दिलाने की लगातार प्रयासरत है बावजूद इसके कटाव जैसी समस्याओं पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाया सका है.


चनान में कतावरोधी कार्य योजना को ले 9 करोड़ की लागत से हुआ है टेंडर

पिछले कुछ समय लगातार चनान गांव और इसके आसपास के इलाके में हो रहे गंगा कटाव से एक और वहां के ग्रामीण काफी परेशान है. भय के साए में जीने को विवश है तो वहीं दूसरी ओर गंगा पंप नहर विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के आलोक में सरकार ने उसे इलाके में 900 मीटर तक गंगा कटावरोधी कार्य करने के लिए 9 करोड रुपए की एक योजना को स्वीकृत किया है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. पूर्व में अप्रैल और अगस्त माह में इस कार्य को करने के लिए दो-दो बार टेंडर निकाला जा चुका है लेकिन तकनीकी कर्म से टेंडर तय नहीं किया जा सका. अब बीते 4 दिसंबर को तीसरी दफा टेंडर आमंत्रित किया गया है लेकिन अब तक कार्य की एजेंसी तय नहीं हो सका है

15 करोड़ से मलाही टोला में किया गया है गंगा कटावरोधी कार्य

पिछले कुछ साल से साहिबगंज नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत मलाई टोला चानन और कबूतरखोपी इलाके में हो रहे कटाव को रोकने के लिए इसी साल के शुरुआत में 15 करोड रुपए की लागत से मलाई टोला से चानन गांव तक तकरीबन 1 किलोमीटर की दूरी तक गंगा कटाव रोधी कार्य किया गया है. जिससे लोगों को राहत जरूर मिली है. पिछले कुछ समय से इस इलाके में लगातार हो रहे कटाव से तकरीबन 2000 बीघा से अधिक जमीन गंगा नदी की भेंट चढ चुकी थी इससे उसे इलाके के दर्जनों लोग बेरोजगार हो गए. क्योंकि गंगा कटाव की भेंट चढ़ी उक्त जमीन ही उनकी आजीविका का साधन था. जिस पर वेलोग फल और सब्जी का खेती किया करते थे. गंगा नदी के उग्र रूप से एक और जहां उसकी जमीन गंगा कटाव की भेंट चढ़ गई थी वहीं उनका घर भी इसकी जद में आ गया था. बाद में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक तत्परता के बाद तकरीबन 1 किलोमीटर तक उक्त इलाके में किए गए गंगा कटावरोधी कार्य से उस इलाके के लोगों को राहत मिली है.

56 करोड़ की लागत से भेजी गई है 9 योजनाओं का प्रस्ताव

जिले के नौ स्थानों पर इसलिए काफी समय से को रहे गंगा कटाव की स्थिति को देखते हुए गंगा पंप नहर विभाग ने सरकार को तकरीबन 56 करोड रुपए की लागत से 9 योजनाओं का प्रस्ताव भेजा है. जिसमें मुख्य रूप से चानन गांव का इलाका के अलावा राजमहल का कुछ इलाका तथा उधवा प्रखंड का प्राणपुर, श्रीधर दियारा, नक्की टोला और खट्टी टोला समेत अन्य इलाका शामिल है. सरकार से योजना की स्वीकृति मिलते ही उन इलाकों में गंगा कटाव रोधी कार्य किया जाएगा. विभाग की ओर से भेजी गई 9 स्थान पर गंगा कटावरोधी कार्य योजना स्थल में से सबसे अधिक प्रभावित उधवा का नक्की टोला और खट्टी टोलाइलाका बताया जा रहा है. बताया जाता है कि इन इलाकों से हजारों एकड़ खेती योग्य जमीन अब तक गंगा कटाव की भेंट चढ़ चुका है. हालांकि इस इलाके में पूर्व में कुछ दूरी तक गंगा कटाव रोधी कार्य किया गया है, लेकिन फिलहाल यहां तकरीबन 500 मी तक गंगा कटाव रोधी कार्य विभाग को कराना होगा तभी इस इलाके के लोगों को गंगा कराव के उग्र रूप से राहत मिल सकेगी.

शोभापुर के पास 100 करोड़ से हुआ गंगा कटाव रोधी कार्य चढ़ा चुका है अनियमितताओं की भेंट

जिले के राजमहल प्रखंड अंतर्गत शोभापुर सकलेन बगीचा और उसके आसपास के इलाकों में तकरीबन 100 करोड रुपए की लागत से किया गया गंगा कटावरोधी कार्य पहले ही अनियमित की भेंट चढ चुका है. यहां के ग्रामीणों के द्वारा योजना में बरती गई अनियमिताओं को लेकर कई बार आवाज भी उठाया जाता रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि इसका निर्माण करने वाली देवघर की हरदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कार्य में अनियमित बरतते हुए जैसे तैसे योजना को पूरा कर लिया, जिससे यहां के लोगों को गंगा कटाव की समस्या से अब तक निजात नहीं मिल पाया है.

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता

साहिबगंज के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार सोरेन गंगा पंप नहर के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार सोरेन ने कहा कि विभाग गंगा कटाव वाले इलाकों को चिन्हित कर तकरीबन 56 करोड़ की लागत से गंगा कटाव रोधी 9 योजनाओं का प्रस्ताव सरकार को भेजा है, जैसे ही सरकार से योजनाओं की स्वीकृति मिलेगी उक्त प्रभावित इलाके के लोगों को गंगा कटाव से निजात दिलवाया जाएगा. कहा कि अभी हाल में ही 15 करोड़ की लागत से एक योजना पूर्ण की गई है वही 9 करोड़ की लागत से एक योजना टेंडर पूर्ण होने की स्थिति में है.

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