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धनबाद में वर्षा के अभाव में धनरोपनी नहीं की जा सकी है शुरू, किसान चिंतित

बारिश इतनी भी नहीं हुई है कि खेतों में पानी ठहरे. सिंचाई कर भी धनरोपनी नहीं की जा सकती, क्योंकि नदी-तालाब भी सूखे ही हैं. वर्षापात की कमी को लेकर खेतों की तैयारी भी नहीं हो पा रही है.

धनबाद (बलियापुर), शेख कलीम : धनबाद में धान की खेती मॉनसून पर ही निर्भर हैं. लेकिन इस वर्ष अभी तक बारिश नहीं होने से क्षेत्र के किसान चिंतित हैं. किसानों द्वारा बोये गये बीज में पौधे तो निकल आये हैं, लेकिन बारिश के अभाव में उसका समुचित विकास नहीं हो पा रहा है. कहीं-कहीं तो सभी बीज डाले भी नहीं जा सके हैं. किसानों को चिंता सता रही है कि खेती का समय बीत रहा है, लेकिन बारिश इतनी भी नहीं हुई है कि खेतों में पानी ठहरे. सिंचाई कर भी धनरोपनी नहीं की जा सकती, क्योंकि नदी-तालाब भी सूखे ही हैं. वर्षापात की कमी को लेकर खेतों की तैयारी भी नहीं हो पा रही है.

कृषि बहुल प्रखंड बलियापुर में जून में अभी तक मात्र 136 मिमी बारिश हुई है, जबकि कम से कम 205. 6 मिमी बारिश होनी चाहिए थी. बलियापुर में 9291 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है. 80 प्रतिशत भूमि पर धान की खेती होती है. कुल कृषि भूमि की 50% बाइद, 20% बहाल व 20% भूमि में कनाली धान की खेती होती है. सबसे दिक्कत वाली बात है कि पिछले साल भी कम बारिश हुई थी. फिलहाल हालत यह है कि बिचड़ा डालने का समय पार हो गया है, अब तक धनरोपनी न केवल शुरू हो जानी चाहिए थी, युद्धस्तर पर होती. लेकिन अभी तक जुताई भी नहीं हुई. सुखाड़ की आशंका को लेकर किसान चिंतित हैं. किसान गोपाल महतो, गिरधारी महतो, जगदीश महतो, बासुदेव महतो, सारथी मंडल, दिलीप कुमार महतो, विभूति भूषण महतो, लक्ष्मीनारायण महतो, शशि महतो का कहना कि अबतक पचास प्रतिशत बिचड़ा नहीं डाला गया है.

धनरोपनी के लिए अभी पर्याप्त समय : कृषि वैज्ञानिक

इस साल बारिश को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ललित कुमार दास का कहना है कि धनरोपनी को लेकर पर्याप्त समय है. आने वाले 10 दिनों में पर्याप्त बारिश होने का मौसम विभाग का अनुमान है. इस साल पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.

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