अक्षरा सिंह के देर से आने से गढ़वा में लोगों का फूटा गुस्सा, जमकर हुई तोड़फोड़, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

JMM की ओर से आयोजित खतियानी जोहार यात्रा में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान जमकर हंगामा हुआ. भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह के देर से आने के कारण गढ़वा के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. देर से कार्यक्रम शुरू होने पर जमकर कुर्सियां फेंकी गयी. इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा.

By Samir Ranjan | December 8, 2022 8:22 PM
an image

Jharkhand News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha- JMM) की ओर से आयोजित खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम (Khatiani Johar Yatra Program) के दौरान आयोजित सांंस्कृति कार्यक्रम में भोजपुरी की स्टार कलाकार अक्षरा सिंह देर से पहुंची. इस कारण उनका कार्यक्रम मुख्यमंत्री के आने के पूर्व नहीं कराया जा सका. मुख्यमंत्री के जाने के बाद जब अक्षरा सिंह का सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया जाने लगा, तो उस दौरान लोग शोर मचाते हुए कार्यक्रम स्थल स्टेज के समीप आने की होड़ करने लगे. लोग आपस में ही टकराकर गिरने लगे. लोगों के हुड़दंग को देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. लाठीचार्च से कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गयी.

अक्षरा सिंह के साथ किया गया दुर्व्यवहार

लाठी चार्ज में कई लोगों को चोटें भी आयी है और काफी संख्या में कुर्सियां भी टूट गयी. इस वजह से अक्षरा सिंह का कार्यक्रम तुरंत ही रोक दिया गया. इस दौरान जब अक्षरा सिंह बिना अपनी प्रस्तुति दिये ही वापस जाने लगी, तो नाराज लोगों ने पंडाल और कुर्सिंयों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. अक्षरा सिंह के जाने के दौरान कुछ लोगों ने उनके साथ बदसलूकी और हुटिंग भी किया. लोगों ने उन्हें छूने की भी कोशिश की. जैसे-तैसे अक्षरा सिंह को बाहर निकाला गया. इसके अलावा अन्य कलाकारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया.

Also Read: झारखंड के युवाओं को 25 लाख रुपये तक मिलेगा लोन, बेरोजगारी होगी कम, सीएम हेमंत सोरेन ने की घोषणा

कई गायक-गायिका ने दी अपनी प्रस्तुति

बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व स्टेज पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये थे. इस दौरान भोजपुरी गायिका निशा उपाध्याय, झारखंड स्टार कुणाल तिवारी, गायिका ममता राउत, गायिका अमृता दीक्षित और गायिका पायल बनारसी जैसे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी थी. उस दौरान भी बीच-बीच में कई बार दर्शकों के हुड़दंग की वजह से कार्यक्रम को रोक देना पड़ा था.

रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.

Exit mobile version