डुमरी उपचुनाव: कड़ी सुरक्षा में वज्र गृह में ईवीएम, आठ सितंबर को होगी काउंटिंग, नए विधायक का होगा फैसला

गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि सभी ईवीएम को बाजार समिति परिसर में बनाए गए वज्र गृह में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है. उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन भी केंद्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी. आठ सितंबर को वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी.

By Guru Swarup Mishra | September 7, 2023 8:05 PM

गिरिडीह, बिनोद शर्मा: डुमरी विधानसभा उपचुनाव खत्म होने के साथ ही सभी ईवीएम को पचंबा स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति के परिसर में बनाए गए वज्र गृह में त्रिस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है. आठ सितंबर की सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा में वोटों की गिनती की जाएगी. आपको बता दें कि 5 सितंबर को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच डुमरी उपचुनाव को लेकर मतदान हुआ था. डुमरी उपचुनाव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन की झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी, एनडीए की आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी समेत छह उम्मीदवारों का भाग्य बैलेट बॉक्स में बंद हो गया है. आठ सितंबर को काउंटिंग के बाद तय हो जाएगा कि डुमरी का नया विधायक कौन होगा?

14 राउंड में होगी वोटों की गिनती

गिरिडीह के डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि मतगणना केंद्र में 16 टेबल ईवीएम के लिए व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा एक टेबल ईटीपीबीएस के लिए उपलब्ध होगा. एक आरओ का टेबल होगा, जिसमें पोस्टल बैलेट की गिनती होगी. उन्होंने बताया कि 14 राउंड में मतगणना का कार्य पूर्ण हो जायेगा. इसके लिए 25 सहायक, 25 सुपरवाइजर और 25 माइक्रो ऑब्जर्वर की प्रतिनियुक्ति मतगणना केंद्र के अंदर की गयी है.

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कड़ी सुरक्षा में होगी काउंटिंग

गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि सभी ईवीएम को बाजार समिति परिसर में बनाए गए वज्र गृह में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है. उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन भी केंद्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी.

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मतगणना से पहले श्रीकृष्ण की शरण में झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी

डुमरी उपचुनाव को लेकर मतगणना आठ सितंबर को गिरिडीह बाजार समिति में होगी. मतगणना से एक दिन पहले झामुमो प्रत्याशी सह मंत्री बेबी देवी ने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर वह नावाडीह में पूजा-अर्चना कीं. इसके साथ ही भजन में भाग लीं. वह यहां पर करताल बजाती नजर आयीं.

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64.84 फीसदी हुई थी वोटिंग

डुमरी उपचुनाव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन की झामुमो प्रत्याशी बेबी देवी, एनडीए की आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी समेत छह उम्मीदवारों का भाग्य बैलेट बॉक्स में बंद हो गया है. वोटिंग को लेकर मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह दिखा था. सुबह से ही लोग वोटिंग के लिए लाइन में लगने लगे थे. निर्धारित समय शाम पांच बजे तक मतदाताओं ने वोटिंग की थी. ग्रामीण क्षेत्र के भी वोटर इसमें पीछे नहीं रहे थे. 64.84 फीसदी वोटिंग शांतिपूर्ण संपन्न हो गयी थी. आठ सितंबर की सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी. उस दिन तय होगा कि नया विधायक कौन होगा?

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जगरनाथ महतो के निधन से खाली हुई है सीट

झारखंड के शिक्षा मंत्री रहे जगरनाथ महतो के निधन के कारण खाली हुई डुमरी सीट के लिए 5 सितंबर को मतदान हुआ. बारिश के बावजूद मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने निकले थे. हर बूथ पर आधी आबादी की लंबी-लंबी कतारें नजर आयी थीं. महिलाएं लाइन में लगकर अपने मताधिकार का प्रयोग कीं. मतदान को लेकर शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता उत्साहित नजर आए थे. सुबह सात बजे डुमरी विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथों पर एक साथ मतदान शुरू हुआ था. कुछ बूथों पर इवीएम में आयी तकनीकी गड़बड़ी के कारण मतदान कुछ देर के लिए प्रभावित हुई. हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. अब सबकी निगाह वोटों की गिनती पर है कि डुमरी का नया विधायक कौन होगा?

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बुलेट पर भारी पड़ा बैलेट

डुमरी विधानसभा उपचुनाव में वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला. सबसे अधिक महिला मतदाताओं में वोटिंग करने को लेकर उत्सुकता देखी जा रही थी. सुबह सात बजे से सभी बूथों पर कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग शुरू हो गयी थी. आपको बता दें कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र में कई पंचायत नक्सल प्रभावित और अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. यहां के लोग पहले नक्सलियों के खौफ से वोट डालने के लिए अपने घरों से बाहर तक नहीं निकलते थे, लेकिन अब नक्सलियों के गढ़ में जबरदस्त वोटिंग हुई. नक्सल प्रभावित छछंदो, दलानचलकरी, जोभी, मोहनपुर, बरियारपुर, बरमसिया, अटकी, फतेहपुर, मतियोबेरा, धावाटांड़, आतकी, जरीडीह, भवानंद, चूतरूम बेड़ा, टेसाफुली, अमरा, निमियाघाट, नागाबाद, ससरखो, नुरंगो, चिनीकीरो आदि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जमकर वोटिंग हुई. नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सबसे सेफ जोन पारसनाथ की तराई के अलावा एक करोड़ के इनामी नक्सली गोपाल उर्फ अनल उर्फ पतिराम मांझी के गांव से सटे इलाके में भी जमकर पोलिंग हुई. कुख्यात नक्सली अजय महतो के गांव से सटे डुमरी के इलाके में भी खूब मतदान हुआ.

ये है छठा उपचुनाव

डुमरी उपचुनाव वर्ष 2019 के बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का छठा उपचुनाव है. पांच विधानसभा उपचुनावों का ट्रैक रिकॉर्ड देखें, तो अब तक यूपीए (अब I.N.D.I.A) का पलड़ा भारी रहा है. इससे पहले पांच उपचुनावों में से चार विधानसभा उपचुनाव में यूपीए गठबंधन (अब I.N.D.I.A) ने बाजी मारी है. सिर्फ रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को जीत हासिल हुई थी. ऐसे में क्या I.N.D.I.A गठबंधन का उपचुनावों में जीत का सिलसिला जारी रहेगा या एनडीए रामगढ़ में जीत को फिर दोहराएगा. आपको बता दें कि 5 सितंबर को डुमरी उपचुनाव के लिए वोटिंग हो गयी है. 8 सितंबर को वोटों की गिनती की जाएगी.

पांच सीटों में चार पर यूपीए की हुई थी जीत
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल (2019 से अब तक) में डुमरी विधानसभा का उपचुनाव, छठा उपचुनाव है. इससे पहले पांच उपचुनाव हो चुके हैं. इनमें चार में दुमका, बेरमो, मधुपुर और मांडर उपचुनाव में यूपीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. दुमका उपचुनाव में बसंत सोरेन, बेरमो से जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, मधुपुर से हफिजुल हसन और मांडर से शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल की थी. यूपीए से दो सीटों पर झामुमो के उम्मीदवार जीते थे, वहीं दो सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी सीट बरकरार रखी. रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव से आजसू पार्टी की उम्मीदवार सुनीता देवी ने उपचुनाव में एनडीए का खाता खोला था.

कौन हैं I.N.D.I.A की प्रत्याशी बेबी देवी
झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी हैं, जो 3 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली हैं. बेबी देवी की चार पुत्रियां हैं और एक पुत्र है. इनमें सबसे बड़ी पुत्री सुनीता देवी, रीना देवी, पूनम देवी व गीता देवी हैं. चारों पुत्रियों की शादी हो चुकी है. पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू सबसे छोटे हैं. जो अविवाहित हैं. दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी की पहचान हमेशा एक कुशल गृहिणी के रूप में रही है. कभी-कभार वह पहले जगरनाथ महतो के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होती थीं. मंत्री के निधन होने के बाद पिछले ढाई महीने से अपने डुमरी विधानसभा क्षेत्र में झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से अपने पुत्र अखिलेश महतो के साथ भाग ले रही हैं. बेबी देवी का मायके टुंडी विधानसभा क्षेत्र के गोमो स्थित जीतपुर में है.

कौन हैं एनडीए की प्रत्याशी यशोदा देवी
डुमरी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और यूपीए के बीच भी पहली दफा चुनावी मुकाबला होगा. आपको बता दें कि यशोदा देवी झारखंड आंदोलनकारी दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी हैं. दामोदर महतो एकीकृत बिहार में जदयू के नेता थे. यशोदा देवी वर्ष 2019 में डुमरी से आजसू पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ी थीं. इसमें वह दूसरे स्थान पर रही थीं. वह डुमरी की प्रमुख भी रही हैं. फिलहाल वह पंचायत समिति सदस्य हैं.

विधानसभा चुनाव में 2005 से जीत रहे थे जगरनाथ महतो
चुनाव वर्ष : पार्टी : विजयी प्रत्याशी : दूसरे स्थान पर : मतों का अंतर
2005 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 18 हजार मतों का अंतर
2009 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 13 हजार वोट का अंतर
2014 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो, बीजेपी : करीब 33 हजार मतों का अंतर
2019 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : यशोदा देवी, आजसू : 34 हजार से अधिक मतों का अंतर

पांच सितंबर को हुई डुमरी उपचुनाव के लिए वोटिंग
पांच सितंबर 2023 को डुमरी विधानसभा का उपचुनाव हुआ. डुमरी उपचुनाव को लेकर डुमरी प्रखंड की 37 पंचायत और बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड की 24 पंचायत व चंद्रपुरा प्रखंड की नौ पंचायतों में 373 बूथ बनाये गये थे. कुल मतदाताओं की संख्या 2,98,629 है. इसमें 1,54,452 पुरुष और 1,44,174 महिला मतदाता हैं. डुमरी प्रखंड में 199, नावाडीह में 129 और चंद्रपुरा प्रखंड में 45 बूथ हैं.

प्रदीप साहू को 2019 में डुमरी प्रखंड से मिले थे सर्वाधिक वोट
वर्ष 2019 के चुनाव में डुमरी विधानसभा क्षेत्र के डुमरी प्रखंड में सर्वाधिक 25,116 मत बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप साहू को मिला था. झामुमो के दिवंगत जगरनाथ महतो को 24,738 मत मिले थे. नावाडीह प्रखंड में झामुमो के दिवंगत महतो 46,390 वोट लाकर आगे रहे थे. यहां श्री साहू को 10,897 वोट मिले थे. आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को डुमरी प्रखंड में 19,355 तथा नावाडीह प्रखंड में 17,429 वोट मिले थे. एआईएमआईएम प्रत्याशी मौलाना मोबिन रिजवी को डुमरी प्रखंड में 15,454 व नावाडीह प्रखंड में 8,678 वोट मिले थे, जबकि डुमरी से तीन दफा जीत दर्ज करने वाले पूर्व मंत्री लालचंद महतो को इस चुनाव में डुमरी प्रखंड से 2,029 व नावाडीह प्रखंड से 3,190 मत मिले थे. 2019 के चुनाव में एआईएमआईएम प्रत्याशी मौलाना रिजवी ने जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी थी. उन्हें 24,132 मत प्राप्त हुए थे. इस बार फिर वह फिर चुनावी मैदान में हैं. 2014 के चुनाव में वह जदयू के प्रत्याशी थे और तीसरे स्थान पर रहते हुए उन्होंने 16730 मत प्राप्त किया था.

56 वर्षों में नहीं हुई कोई महिला विधायक
आजादी के बाद डुमरी सीट से अभी तक एक बार ही महिला विधायक बनी हैं. वर्ष 1967 में राजा पार्टी की एस मंजरी यहां से विधायक बनी थीं. 1952 में कांग्रेस के लक्ष्मण मांझी, 1957 व 1962 में राजा पार्टी के हेमलाल प्रगणैत, 1969 के मध्यावधि चुनाव में राजा पार्टी के कैलाशपति, 1972 में कांग्रेस के मुरली भगत, 1977 में जनता पार्टी के लालचंद महतो, 1980 व 1985 में झामुमो के शिवा महतो, 1990 में जनता दल के लालचंद महतो, 1995 में झामुमो के शिवा महतो, 2000 में जदयू के लालचंद महतो फिर विधायक बने थे. बाद में वर्ष 2005, 2009, 2014 और 2019 के विधायक चुनाव में झामुमो के जगरनाथ महतो जीतते रहे और लगातार चार बार विधायक बने.

डुमरी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार एनडीए से प्रत्याशी
डुमरी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार एनडीए की ओर से प्रत्याशी उतारा गया है. एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और यूपीए के बीच भी पहली दफा चुनावी मुकाबला होगा. आपको बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू व बीजेपी ने यहां अलग-अलग चुनाव लड़ा था. आजसू की ओर से यशोदा देवी प्रत्याशी थीं, जिन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था. उन्हें कुल 36,840 मत प्राप्त हुआ था, जबकि बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप साहू को 36,013 मत मिला था यानी एनडीए ने इस चुनाव में 72,853 मत बटोरे थे. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले झामुमो के दिवंगत जगरनाथ महतो को 71,128 मत मिले थे.

1985 से इस सीट पर चुनाव लड़ रही है बीजेपी
आजसू ने इससे पूर्व 2014 में भी डुमरी विधानसभा का चुनाव लड़ा था तथा टिकाराम महतो उर्फ बिगन महतो प्रत्याशी थे. इन्हें 1,260 मत मिला था तथा 10वें स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी शुरू से इस विधानसभा का चुनाव लड़ती रही है. 1985 में ईश्वरी लोहानी, 1990 में प्रशांत जायसवाल, 1995 में कैलाश पंडित के बाद 2014 में लालचंद महतो ने बजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

जदयू ने छह बार लड़ा डुमरी विधानसभा का चुनाव
बीजेपी और आजसू के अलावा जदयू ने भी डुमरी विधानसभा का चुनाव छह दफा लड़ा है. वर्ष 2000 में पहली बार बीजेपी समर्थित जदयू से लालचंद महतो ने इस सीट पर चुनाव लड़ा था तथा जीत दर्ज की थी. इसके बाद वर्ष 2005 में दिवंगत दामोदर महतो (यशोदा देवी के पति) ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था तथा 16,917 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. 2009 में फिर जदयू प्रत्याशी दामोदर महतो बनाये गये थे और उन्होंने 20,292 मत लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया था. इसके बाद 2014 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में मौलाना मोबिन रिजवी ने चुनाव लड़ा था और उन्होंने 16,730 मत लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया था. वर्ष 2019 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में फिर से एक बार लालचंद महतो ने चुनाव लड़ा था और उन्हें मात्र 5219 मत से ही संतोष करना पड़ा था.

चार बार कांग्रेस प्रत्याशी आजमा चुके अपना भाग्य
1977 के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनाव में डुमरी विधानसभा सीट से चार बार कांग्रेस प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा चुके हैं. 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर रामदेव यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था. रामदेव यादव कुल 3,174 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे. इसके बाद 1995 में इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मकसूद आलम ने चुनाव लड़ा था. मकसूद आलम ने यहां अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी थी तथा दूसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी को 23,808 मत प्राप्त हुआ था, जबकि इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले झामुमो के शिवा महतो को 36,408 वोट मिले थे.

समता पार्टी प्रत्याशी लालचंद महतो तीसरे स्थान पर
तीसरे स्थान पर समता पार्टी प्रत्याशी लालचंद महतो रहे थे, जिन्हें 19,698 मत मिले थे. इसके बाद 2000 के विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस ने मकसूद आलम को पार्टी प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में मकसूद आलम तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें कुल 14,498 मत प्राप्त हुआ, जबकि जदयू प्रत्याशी लालचंद महतो ने जीत दर्ज की थी.

समता पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े थे जगरनाथ महतो
समता पार्टी के टिकट पर पहली दफा डुमरी विधानसभा का चुनाव लड़ रहे दिवंगत जगरनाथ महतो दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें कुल 21,361 मत मिला था. डुमरी विधानसभा से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले मकसूद आलम ने 1990 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था तथा तीसरे स्थान पर रहकर कुल 13,760 वोट लाया था.

2014 में भाकपा माले से चुनाव लड़े थे मकसूद आलम
इसके बाद 2014 के चुनाव में मकसूद आलम भाकपा माले के प्रत्याशी बनाये गये तथा 14वें स्थान पर रहे. उन्हें मात्र 959 मत मिला. वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की और से वकील प्रसाद महतो प्रत्याशी बनाये गये. वकील प्रसाद महतो सातवें स्थान पर रहे तथा उन्हें कुल 2,286 मत प्राप्त हुआ.

2019 के विधानसभा चुनाव में तीन मुस्लिम प्रत्याशी थे
2019 के विधानसभा चुनाव में तीन मुस्लिम प्रत्याशियों ने भाग्य अजमाया था. जिसमें एआइएमआइएम प्रत्याशी मौलाना मोबिन रिजवी, झाविमो प्रत्याशी मो शमशुद्दीन तथा पीएसपी प्रत्याशी मो अहमद ने चुनाव लड़ा था. इसमें एआइएमआइएम प्रत्याशी मौलाना मोबिन रिजवी को 24,132 मत, झाविमो प्रत्याशी मो शमशुद्दीन को 1283 मत तथा पीएसपी प्रत्याशी मो अहमद को 557 मत प्राप्त हुआ था. इस बार पुन: मौलाना मोबिन रिजवी बतौर एआइएमआइएम प्रत्याशी चुनावी मैदान में है, जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में मोबिन रिजवी जदयू के प्रत्याशी थे तथा तीसरे स्थान पर रहते हुए कुल 16730 मत प्राप्त किया था.

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