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Durga Puja 2021 : 6 माह बाद भी दुर्गा पूजा मद में नहीं मिली राशि, धार्मिक अनुष्ठान करने में हो रही परेशानी

बिहार सरकार के समय पूजा व धार्मिक अनुष्ठान के लिये काफी कम आवंटन मिलता था. उस वक्त आवंटन इतना कम था, कि उस राशि में पूजा करने भी दिक्कत होती थी. झारखंड गठन के बाद पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों के लिये राशि में बढ़ोत्तरी की गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2021 2:53 PM
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Durga Puja 2021, सरायकेला न्यूज (शचिंद्र कुमार दाश/ प्रताप मिश्रा) : छह माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी अब तक झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में पूजा मद में आवंटन नहीं मिला है. इससे सरायकेला व खरसावां में विभिन्न पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करने में परेशानी हो रही है. आपको बता दें कि राज्य सरकार की की ओर से सरायकेला व खरसावां में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान व पूजा के लिए समान रूप से 5.5-5.5 लाख रुपये का आवंटन मिलता है, परंतु इस वर्ष राशि नहीं मिल सकी है.

सरायकेला में जहां सरकारी राशि से 13 पूजा का आयोजन किया जाता है, वहीं खरसावां में दस पूजा के आयोजन पर इस राशि को खर्च किया जाता है. सरायकेला में सर्वाधिक दुर्गा पूजा पर करीब 1.11 लाख, काली पूजा पर 52 लाख रुपये व चड़क पूजा में 1.81 लाख रुपये खर्च होता है. बिहार सरकार के समय पूजा व धार्मिक अनुष्ठान के लिये काफी कम आवंटन मिलता था. उस वक्त आवंटन इतना कम था, कि उस राशि में पूजा करने भी दिक्कत होती थी. झारखंड गठन के बाद पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों के लिये राशि में बढ़ोत्तरी की गयी. पिछले करीब 16 साल से 5.5 लाख रुपये का आवंटन मिलता है.

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खरसावां अंचल कार्यालय की ओर से इस वर्ष सरकार से 7.5 लाख रुपये के आवंटन की मांग की गयी है. इस राशि से दस धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है. खरसावां में चालू वित्तीय वर्ष में चडक पूजा, रथ यात्रा, धुलिया जंताल पूजा, मुहर्रम के साथ साथ नुआखाई जंताल पूजा व इंद्रोत्सव का आयोजन अन्य मद की राशि से किया गया है. दुर्गा पूजा व अगले माह काली पूजा का भी आयोजन होना है. प्रत्येक सप्ताह पाउड़ी मंदिर में भी पूजा पर इसी मद से राशि खर्च की जाती है. अब तक आवंटन नहीं मिलने के कारण अब आगे के धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न कराने में खरसावां अंचल कार्यालय को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. खरसावां में मां पाउड़ी की पीठ पर प्रत्येक सप्ताह पूजा होती है. इसमें प्रति माह करीब 16 हजार रुपये खर्च होते हैं.

देश की आजादी के बाद सरकारी स्तर पर सरायकेला व खरसावां में विभिन्न पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों आयोजन हो रहा है. 1947 को देश आजाद होने के बाद खरसावां, सरायकेला समेत तमाम देशी रियासत का विलय भारत गणराज्य में करने के दौरान तत्कालीन राजा ने राज्य सरकार के साथ मजर्र एग्रीमेंट किया था. इसमें विभिन्न पूजा के आयोजन की व्यवस्था सरकार को करनी है.

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खरसावां में किस अनुष्ठान में कितनी राशि खर्च होती है –

पूजा/अनुष्ठान : खर्च होने वाली राशि

पाउड़ी पूजा : 1,92,000

चड़क पूजा : 38 हजार

रथ यात्रा : 55 हजार

इंद्रोत्सव : 7.5 हजार

धुलिया जंताल : 15 हजार

नुआखाई जंताल : 15 हजार

दुर्गा पूजा : एक लाख

काली पूजा : 55 हजार

मुहर्रम : 15 हजार

चैत्र पर्व : 50 हजार

सरायकेला में किस अनुष्ठान में कितनी राशि खर्च होती है-

पूजा/अनुष्ठान : खर्च होने वाली राशि

चड़क पूजा : 1.84 लाख

दुर्गा पूजा : 1.11 लाख

काली पूजा : 52,000

जगधात्री पूजा : 22,000

रास पूर्णिमा : 18,000

अन्नपूर्णा पूजा : 22,000

झूमकेश्वरी पूजा : 28,000

भैरव पूजा : 28,000

किचकेश्वरी पूजा : 18,000

नुआखाई जंताल : 32,000

Posted By : Guru Swarup Mishra

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