Durga Puja 2022: ये हैं कोयलांचल की नौ देवियां, जिन्होंने बनायी अलग पहचान

पितृ सत्ता समाज में नारी शक्ति के सम्मान और वीरता का त्योहार है शारदीय नवरात्र. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने काम की बदौलत अपने नाम को स्थापित किया है. प्रभात खबर कोयलांचल की वैसी नौ नारी शक्ति से रूबरू करवा रहा है.

By Rahul Kumar | October 3, 2022 2:52 PM
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Durga Puja 2022: पितृ सत्ता समाज में नारी शक्ति के सम्मान और वीरता का त्योहार है शारदीय नवरात्र. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. संसार उनसे शक्ति, समृद्धि, खुशहाली व संपन्नता का आशीष मांगता है. आज भी नारी को खुद का नाम बनाने और स्थापित करने में विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने काम की बदौलत अपने नाम को स्थापित किया है. प्रभात खबर कोयलांचल की वैसी नौ नारी शक्ति से रूबरू करवा रहा है. रिपोर्ट सत्या राज, शंकर प्रसाद साव, राणा रंजीत, राकेश वर्मा की.

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वीरा धारावाहिक से हर्षिता ओझा ने बनायी पहचान

वीर की अरदास वीरा धारावाहिक से घर-घर में पहचान बनानेवाली बाल कलाकार हर्षिता ओझा हाउसिंग कॉलोनी धनबाद की रहनेवाली हैं. पांच साल की उम्र में हर्षिता ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा था. इस सीरियल में हर्षिता ने वीरा का किरदार निभाया था. मौजूदा समय में हर्षिता चिल्ड्रेन एकेडमी मुबंई की 10वीं की छात्रा हैं. हर्षिता ने बताया : 10वीं में होने के कारण अभी वह पढ़ाई पर फोकस कर रहीं हैं. एक्टिंग व सिंगिग पर कम ध्यान दे रहीं है. हर्षिता सिंगिग में कई अवार्ड जीत चुकी हैं.

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सर्वश्रेष्ठ महिला कामगार रह चुकी हैं मंजू तुरी

अगर हौसला बुलंद हो तो कठिन परिस्थितियों में भी मंजिल हासिल की जा सकती है. इसे सच कर दिखाया है बीसीसीएल ब्लॉक दो एबी ओसीपी में कार्यरत महिला शॉवेल ऑपरेटर मंजू तुरी ने. कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद अपने कार्य के प्रति लगनशील रहकर भारी भरकम मशीन चलाने में सफलता हासिल की. एक महिला ऑपरेटर के जज्बे को देख अन्य ऑपरेटरों में कार्य के प्रति रूचि बढ़ी है. मंजू बताती हैं ब्लॉक दो प्रबंधन ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला कर्मी घोषित किया है. मंजू सीके शॉवेल मशीन चलाती हैं. लोडिंग मजदूर से ऑपरेटर बनी मंजू तुरी को 24 साल पहले अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली. पहले मामूली लोडिंग मजदूर थी. काम करने की लगन को देख पूर्व परियोजना पदाधिकारी ने ऑपरेटर का प्रशिक्षण दिलाया. पहले सब खिल्ली उड़ाते थे. आज प्रतिदिन हजारों टन कोयला खनन व क्रशिंग तथा बडे़- बड़े चट्टानों में ड्रीलिंग करते देख अन्य मजदूर दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं.

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प्रो रजनी सिंह की सिफारिशों को केंद्रीय श्रम मंत्रालय कर रहा लागू

ट्रांसजेंडर की स्थिति में सुधार करने और उन्हें बेहतर वातावरण प्रदान करने के लिए आइआइटी आइएसएम के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रोफेसर रजनी सिंह की सिफारिशों को अब केंद्र सरकार लागू कर रही है. प्रो रजनी सिंह ने कोलकाता में ट्रांसजेंडर्स पर काफी शोध किया है. उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये. अब इनकी सिफारिशों को लागू करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय में मुख्य श्रम आयुक्त राहुल त्यागी ने श्रम और रोजगार मंत्रालय के सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को पत्र भेजकर निर्देश जारी किया है. प्रो रजनी सिंह बताती कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष आइआइटी आइएसएम की ओर से ट्रांसजेंडर की सामाजिक स्थिति को उजागर करने पर केंद्रित करते हुए शोध प्रस्तुत किया गया था. उन्होंने अपने शोध में समाज की समस्याओं, सुविधाओं और समाधान पर विस्तार से काम किया है.

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ऑटो चला आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनी प्रिंसी चावड़ा

आत्मविश्वास से लबरेज प्रिंसी पिछले पांच सालों से कोयलांचल की सड़कों पर ऑटो दौड़ा रहीं हैं. शुरूआत में ऑटो चलाने में उन्हें बहुत परेशानी हुई. लेकिन अच्छे स्वभाव और गलत का विरोध करने का हौसला से उन्होंने हर बाधा पार की. प्रिंसी बताती है 12 जनवरी 2018 से वह ऑटो चला रहीं हैं. पहले वह एक मॉल में गार्ड थीं. वहां से उनका ट्रांसफर रांची कर दिया गया. उनकी 12 साल की बेटी थी. रांची में महिलाओं को ऑटो चलाते देख इनके मन में भी ऑटो चलाने की इच्छा जगी. प्रिंसी के पति विक्की चावड़ा ऑटो ड्राइवर थे. पहले तो मना किया. फिर ऑटो चलाने की इजाजत दे दी. भाड़े के ऑटो से शुरूआत हुई. आज इनका तीन ऑटो है. शुरुआत में प्रिंसी को बहुत पेरशानी का समाना करना पड़ा, प्रिंसी कहती हैं अब केवल स्कूल की शिक्षिकाओं को ज्यादा सेवा देने की कोशिश करती हूं.

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शिक्षा के क्षेत्र में हेमलता ने बनायी अलग पहचान

डॉ हेमलता एस मोहन (शिक्षाविद) : दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो की पूर्व प्राचार्य डॉ हेमलता एस मोहन ने अपनी प्रतिभा के बल पर शिक्षा के क्षेत्र में अलग मुकाम हासिल की. झारखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ मोहन वर्तमान में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) की अध्यक्ष हैं. शिक्षा, संस्कृति, शिक्षा-संस्कृति प्रशिक्षण, महिला सशक्तीकरण व समाज सेवा को उन्होंने अपने जीवन का ध्येय बनाया हुआ है. बोकारो जैसी जगह को स्कूली शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करने में योगदान दिया. स्टील सिटी बोकारो की स्टील वूमेन के तौर पर भी जानी जाती हैं.

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लॉन बॉल में धनबाद की कविता मनवा रही लोहा

धनबाद पुलिस की कांस्टेबल कविता खलखो खेल के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है. लॉन बॉल में कविता झारखंड का प्रतिनिधित्व कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में कर चुकी हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रौशन कर चुकी है. शनिवार को गुजरात में चल रहे नेशनल गेम्स के दौरान गोल्ड मेडल जीती हैं. उनकी उपलब्धि से धनबाद के पुलिस जवान तथा खेल प्रेमी खासे उत्साहित हैं.

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लोगों में डीएसपी पूनम ने बनायी अलग पहचान

ट्रैफिक डीएसपी पूनम मिंज बीते दो सालों से बोकारो जिले के ट्रैफिक का प्रभार संभाल रही हैं. सड़क पर लोगों को सुरक्षा के विभिन्न संदेश देती है. साथ ही परेशान लोगों को जरूरत के हिसाब से मदद भी करती हैं. लोगों को समझाने के लिये कई बार खुद सड़क पर उतर जाती हैं. हर राहगीर को हेलमेट पहनने पर जोर देती हैं. ताकि व्यक्ति का परिवार बिखरे नहीं. ट्रैफिक नियमों से किसी तरह की समझौता नहीं करती है.

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राष्ट्रमंडल खेल में लवली ने दिखाया दम

बेरमो के मकोली निवासी लवली चौबे खेल के क्षेत्र में अपनी शक्ति दिखा रही हैं. लॉन बॉल में कई मेडल जीत चुकी हैं. गुजरात में चल रहे 36वें राष्ट्रीय खेल में झारखंड की लॉन बॉल टीम की ओर से खेलते हुए लवली चौबे व अन्य खिलाड़ियों ने फाइनल में असम को हरा कर गोल्ड जीता है. इससे पूर्व सेमीफाइनल में पश्चिम बंगाल को हराया. अगस्त माह में बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में भी झारखंड टीम ने दक्षिण अफ्रिका को पराजित कर स्वर्ण पदक जीता था. टीम में शामिल लवली चौबे का इसमें बेहतरीन प्रदर्शन था.

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ऑनलाइन कारोबार में निकिता की अलग पहचान

निकिता मालवीय व्यवसाय के क्षेत्र में पिछले छह सालों से सक्रिय है. ऑनलाइन बिजनेस के जरिये अपने बिजनेस को न को आगे बढाया है. बल्कि लगभग दो दर्जन महिलाओं को घर बैठे ही रोजगार उपलब्ध कराया है. महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने की प्रेरणा दी है. कोरोना काल में निकिता ने घर में रह कर भी ऑनलाइन व्यापार को जारी रखा. लोगों की जरूरतों को पूरा किया. आज निकिता ऑनलाइन बिजनेस के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है.

रिपोर्ट : सत्या राज, शंकर प्रसाद साव, राणा रंजीत, राकेश वर्मा

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