Durga Puja 2022: सरायकेला खरसावां में दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों पर चल रही है. खरसावां सरकारी दुर्गा मंदिर में पुरे भक्ति भाव के साथ मां दुर्गा की पूजा की जायेगी. अंचल अधिकारी गौतम कुमार के नेतृत्व में पूजा समिति के सदस्य दुर्गा पूजा की तैयारी में जुट गये है. खरसावां के सरकारी दुर्गा मंदिर में विगत 300 वर्षों से मां दुर्गा की पूजा पुरे भक्ति भाव के साथ की जाती है. यहां मां दुर्गा की पूजा तांत्रिक विधि-विधान के साथ की जाती है.
पूजा में खर्च होने वाली राशि की व्यवस्था राज्य सरकार के विधि विभाग द्वारा अंचल कार्यालय के जरीये की जाती है. इसके लिये सालाना बजट भी तैयार होता है. इस वर्ष सरकारी दुर्गा पूजा के आयोजन में एक लाख 21 हजार रुपये खर्च करने की योजना है. क्षेत्र के लोगों के लिये आस्था का केंद्र बने इस मंदिर में पूजा के लिये आस पास के गांव के लोग भी पहुंचते है. दुर्गा पूजा में राजा-राजवाड़े के समय से चली आ रही सभी परंपराओं को निभाया जाता है.
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राजवाड़े के समय में खरसावां में सरकारी दुर्गा पूजा का आयोजन राज कोषागार से किया जाता था और वर्तमान में पूजा में होने वाली खर्च सरकार वहन करती है. कहा जाता है कि 1667 में खरसावां रियासत की स्थापना हुई थी. इसके कुछ वर्ष बाद ही यहां दुर्गा पूजा का आयोजन शुरू हुआ. खरसावां रियासत के कुल 13 शासकों ने यहां मां दुर्गा की पूजा अर्चना को जारी रखा. 1947 में भारत की आजादी के बाद जब खरसावां रियासत का विलय भारत गणराज्य में हुआ तो खरसावां रियासत के तत्कालीन राजा श्रीराम चंद्र सिंहदेव ने बिहार सरकार के साथ मर्जर एग्रीमेंट कर खरसावां के हर वर्ष दुर्गा पूजा के आयोजन की जिम्मेवारी सरकार को सौंप दी है.
खरसावां के सरकारी दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की पूजा चार दिनों तक होती है. एक अक्तुबर को षष्ठी के दिन बेल्याधिवास कर मां दुर्गा का आवाहन किया जायेगा. इसके पश्चात सप्तमी, महाष्टमी, नवमी व विजया दशमी की पूजा होगी. पांच अक्तुबर को विजया दशमी के दिन मां दुर्गा के प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा. मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण कार्य चल रहा है.