मां दुर्गा की पूजा अब अफ्रीका (Durga Puja in Jungles of Africa) के घने जंगलों में भी होगी. पूर्वी अफ्रीका (East Africa) के कीनिया के मसाई मारा जंगल में देवी दुर्गा (Durga Puja) की प्रतिमा स्थापित की जायेगी और बाकायदा पूजा होगी. इसके लिए कोलकाता में मूर्ति बना ली गयी है. 11 सितंबर को यह प्रतिमा अफ्रीका के लिए रवाना होगी. यह सब कुछ एक टूर ऑपरेटर कंपनी की निदेशक राखी मित्रा सरकार की परिकल्पना के तहत हो रहा है.
11 सितंबर को यह प्रतिमा अफ्रीका के लिए रवाना होगी
सरकार ने बताया कि उनकी टूर ऑपरेटर कंपनी पिछले कई वर्षों से अफ्रीकन सफारी आयोजित करती आ रही है. मसाई मारा में करीब 850-900 शेर हैं. मां दुर्गा का वाहन भी शेर है. पूजा के पूर्व उन्हें ख्याल आया कि क्यों न देवी दुर्गा को उनके वाहन यानी सिंह के देश में भी ले जाया जाये. इसलिए उन्होंने कुम्हारटोली के मूर्तिकार (sculptor) मिंटू पाल से एक छोटी मूर्ति बनवायी. इस मूर्ति के साथ 11 सितंबर को यह प्रतिमा अफ्रीका के लिए रवाना होगी
मसाई मारा में पूजा की पद्धति की जानकारी दी जाएगी
मसाई मारा में स्थानीय मसाई लोगों के साथ उनकी बात भी हो गयी है. उन्हें पूजा की पद्धति सिखायी जायेगी. विधिवत पूजा की पद्धति की बजाय, पूजन की भावना उन्हें बतायी जायेगी. कुछ प्रसाद वे भारत (India) से ले जायेंगी और कुछ स्थानीय फल के साथ प्रसाद बनाया जायेगा. देवी दुर्गा का पूजन अफ्रीका में उस स्थान पर होगा जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है. गांव में अंधेरा रहता है. लेकिन वहां भी पूजा हो सकेगी.
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पर्यटक और स्थानीय लोग पूजा का आनंद ले सकेंगे
वहां जाने वाले पर्यटक (Tourist)और स्थानीय लोग इस पूजा को देख सकेंगे. मूर्तिकार मिंटू पाल ने बताया कि 24 इंच गुणा 20 इंच की यह देवी दुर्गा सहित उनके संपूर्ण परिवार की प्रतिमा है. अफ्रीका में मूर्ति की नियमित रूप से पूजा होगी. मूर्ति का खर्च महज आठ हजार रुपये था लेकिन घने जंगल में देवी दुर्गा की पूजा की कल्पना ही मन में रोमांच और भक्ति भावना भर देता है
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