लापता भाजपा सांसद के दुर्गापुर में लगे पोस्टर, बांकुड़ा के बाद अब दुर्गापुर में भाजपा खेमे में हड़कंप
दुर्गापुर सब-डिविजनल कोर्ट परिसर में बीजेपी सांसद के नाम पर ऐसे कई गुमशुदगी के पोस्टरों लगे हुए देखे गए. पोस्टर को लेकर जोरदार रूप से चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में अंदरूनी अंतर्विरोध बढ़ गए हैं.
पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में भाजपा सांसद और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार को मंगलवार को कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा बंधक बना प्रतिवाद जताने का मामला अभी शांत भी नही हुआ था कि बुधवार को पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर महकमा अदालत परिसर में बर्दवान-दुर्गापुर के सांसद सुरेंद्र सिंह आहलूवालिया के नाम से गुमशुदगी का पोस्टर मिलने से भाजपा खेमे में हड़कंप मच गया है. पोस्टर में भाजपा सांसद के बारे में लिखा देख राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस घटना के पीछे बीजेपी के ही एक वर्ग (गुट) का काम हो सकता है. पूरे घटनाक्रम को लेकर इलाके के राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है.
पोस्टर में आखिर क्या लिखा है
पोस्टर में लिखा है कि ‘दुर्गापुर सांसद जी, क्या वह दिल्ली से लौट आए हैं ? यदि आप पार्टी के लोगों को नहीं देखते हैं, तो किसी और को सांसद होना चाहिए. नीचे लिखा है, ‘मुझे ऐसा सांसद नहीं चाहिए.’ बुधवार सुबह दुर्गापुर सब-डिविजनल कोर्ट परिसर में बीजेपी सांसद के नाम पर ऐसे कई गुमशुदगी के पोस्टरों लगे हुए देखे गए. पोस्टर को लेकर जोरदार रूप से चर्चा शुरू हो गई है. दुर्गापुर महकमा अदालत के वकीलों के एक समूह ने इसके लिए जिम्मेदार भाजपा में गुटीय कलह को ठहराया है. दुर्गापुर सब-डिविजनल कोर्ट के वकील कल्लोल घोष ने दावा किया, ‘यह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा के भीतर की अंदरूनी कलह है.
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भाजपा सांसद के खिलाफ गुमशुदगी के पोस्टर लगे
बताया जाता है की मंगलवार को आपसी कलह के कारण ही बांकुड़ा में पार्टी के लोगों ने भाजपा के केंद्रीय मंत्री पर हमला कर उन्हे बंधक बनाए रखा था. कल्लोल घोष ने कटाक्ष किया, ”पोस्टर में लिखा हुआ झूठ नहीं है. यहां तक कि बीजेपी की अंदरूनी कलह भी झूठी नहीं है. हालांकि, बीजेपी के जिला नेतृत्व की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. सांसद को क्षेत्र में न देख पाने को लेकर कुछ कार्यकर्ताओं को पहले भी प्रदर्शन करते देखा गया है. मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मंत्री और सांसद सुभाष सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया और उन्हें जिला पार्टी कार्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया था. जिसके कारण नेतृत्व को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ता था. इस बार दुर्गापुर में भी भाजपा सांसद के खिलाफ गुमशुदगी के पोस्टर लगे हैं. राजनीतिक हलके के एक वर्ग का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में अंदरूनी अंतर्विरोध बढ़ गए हैं.
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