पूर्वी चंपारण में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण हुए एक तो बंद हो गयी शराब, पूरे पंचायत में कोई नहीं करता मद्यपान
पूर्वी चंपारण के बंजरिया प्रखंड के रोहिनिया पंचायत के चिचुरोहिया गांव में शराबबंदी को ले पंचायत प्रतिनिधियों की पहल रंग लायी और गांव में शराब बनाने और बेचने पर रोक लग गयी. संभ्रांत लोग व जन प्रतिनिधि पीने वालों को समझा रहे हैं और शराब से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
निखिल राज, बंजरिया (पूचं)
पूर्वी चंपारण के बंजरिया प्रखंड के रोहिनिया पंचायत के चिचुरोहिया गांव में शराबबंदी को ले पंचायत प्रतिनिधियों की पहल रंग लायी और गांव में शराब बनाने और बेचने पर रोक लग गयी. संभ्रांत लोग व जन प्रतिनिधि पीने वालों को समझा रहे हैं और शराब से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. पहले चिचुरोहिया गांव में बड़े पैमाने पर शराब बनाया और बेचा जाता था. पीने वाले भी बहुत थे. सिकरहना नदी किनारे चलती थीं अवैध शराब भट्ठियां. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के सहयोग से पिछले 15 दिनों से शराब बनाने व बेचने का कारोबार बंद है.
समिति कर रही जागरूक
चिचुरोहिया स्थित मध्य विद्यालय में 10 जनवरी को जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की बैठकबुलायी. इसमें पंचायत के जनप्रतिनिधियों और चिचुरोहिया के ग्रामीणों ने भाग लिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि आज से गांव में कोई भी शराब का निर्माण नहीं करेगा. न पियेगा न किसी को पीने देगा. इसकी निगरानी और लोगों को जागरूक करने के लिए एक समिति बनी. समिति के अध्यक्ष सरपंच पति अलियास अली ने बताया कि समिति में सभी समुदाय के लोग हैं और वह शराब से होने वाने नुकसान और शराबबंदी के फायदे के प्रति लोगों को जगारूक कर रहे है. समिति में हरेंद्र सहनी, संजय सहनी, सत्यनारायण सहनी सहित सैकड़ों लोग शामिल हैं.
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प्रखंड प्रमुख ने दिलाई शपथ
प्रखंड प्रमुख जफीर आजाद चमन ने सभी लोगों को शराब नहीं बनाने, नहीं पीने, नहीं बेचने व दूसरे को भी नहीं पीने देने की शपथ दिलायी. इसके बाद से चिचुरोहिया गांव में पूरी तरह शराबबंदी देखने को मिल रही है. प्रखंड प्रमुख ने बताया कि ग्रामीणोंं के इस संकल्प को सफल बनाने में स्थानीय पुलिस का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.