17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्वी सिंहभूम : घाटशिला व गालूडीह के होटल-लॉज पर्यटकों से फुल, मौसमी रोजगार की बल्ले-बल्ले

घाटशिला और गालूडीह में इस साल भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं. क्षेत्र के 60 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल और लॉज फुल हैं.

घाटशिला और गालूडीह में इस साल भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं. क्षेत्र के 60 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल और लॉज फुल हैं. क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से मौसमी रोजगार की हालत सुधरी है. स्थानीय लोगों की बल्ले-बल्ले है. पर्यटन के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है. होटल, लॉज वालों के साथ टेंपो, रिक्शा, कार, होटल, चाय, पान दुकानदारों का रोजगार बढ़ा है. वहीं, पर्यटकों के लिए गाइड का काम करने वालों की चांदी है. 

क्रिसमस से जनवरी के पहले सप्ताह तक चहल-पहल

ज्ञात हो कि शीत ऋतु के आगमन खासकर क्रिसमस से जनवरी के पहले सप्ताह तक पश्चिम बंगाल के ज्यादा संख्या में पर्यटक आते हैं. सुबह में हावड़ा (कोलकाता) से आने वाली ट्रेनों से पर्यटकों का हुजूम घाटशिला व गालूडीह स्टेशन पर उतर रहा है. अधिकतर पर्यटक घाटशिला और गालूडीह में रहते हैं. यहां से टेंपो व कार भाड़े पर लेकर विभिन्न पर्यटन स्थल का सैर सपाटा करते हैं.

प्रमुख पर्यटन स्थल

घाटशिला प्रखंड के बुरुडीह डैम, गालूडीह बराज, धारागिरी फॉल, सुवर्णरेखा नदी किनारे पांच पांडव, प्राचीन रंकिणी मंदिर, सुवर्णरेखा नदी मऊभंडार, द्वारसिनी मंदिर, आसनपानी, सातगुड़ूम नदी, धालभूमगढ़ का आमाडूबी आदि.

सुविधाएं बढ़ीं, तो बढ़ेंगे पर्यटक

लोगों का कहना है कि पर्यटन स्थलों के विकास पर ध्यान दिया जाये, तो पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. पर्यटन उद्योग का दर्जा मिलने से नया आयाम मिलेगा. हालांकि, घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन और बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती इस दिशा में प्रयासरत हैं.

क्या कहते हैं होटल व्यवसायी

  • घाटशिला और गालूडीह में करीब 60 होटल हैं. इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक हजार लोगों को रोजगार मिलता है. पर्यटन के विकास के लिए झारखंड सरकार को बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है. इससे पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. -आनंद अग्रवाल, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष

  • पर्यटकों के आने से यहां के लोगों को रोजगार मिलता है. पर्यटक शिकायत करते हैं कि पर्यटन स्थल में सफाई की सुविधा नहीं है. शौचालय की सुविधा नहीं है. शौचालय है तो सफाई नहीं है. इसपर राज्य सरकार व प्रशासन को पहल करने की आवश्यकता है. – रंजन घोष, होटल एसोसिएशन के महामंत्री

  • आइसीसी कंपनी बंद है. घाटशिला में पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिले, तो रोजगार का अधिक सृजन होगा. पर्यटकों के आगमन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है. राज्य सरकार इसपर विशेष ध्यान दे, तो पर्यटकों का झुकाव इस क्षेत्र में और बढ़ेगा. – अशोक अग्रवाल, आनंदिता होटल के मालिक

वाहन मालिकों व चालकों में खुशी

  • 20 साल से टेंपो चला रहे हैं. लगभग 3 माह तक रोजगार का बेहतर साधन पर्यटक हैं. घाटशिला के आस पास के क्षेत्र में लगभग 150 टेंपो चालक हैं. पर्यटकों के आगमन पर बेहतर रोजगार होता है. पर्यटन स्थलों पर रोड, पानी की सुविधा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. – हजारा सिंह, टेंपो चालक

  • 15 साल से अधिक समय से टेंपो चला रहे हैं. आइसीसी कंपनी बंद है. अब रोजगार का सबसे बड़ा साधन पर्यटक ही हैं. पर्यटन स्थलों को जिस तरह से विकसित होना चाहिए नहीं हो पाया है. राज्य सरकार ध्यान दे, तो स्थानीय लोगों को रोजगार का बेहतर विकल्प मिलेगा. – अनुज कुमार, टेंपो चालक

  • कई साल से टेंपो चला रहे हैं. पर्यटन के क्षेत्र में निश्चित रूप से कुछ हद तक विकास हुआ है. आज हम लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. जिस तरह से विकास होना चाहिए, नहीं हो पा रहा है. वैसे डेढ़ सौ से दो सौ टेंपो वाले को रोजगार मिल रहा है. -मोहम्मद हासिम, टेंपो चालक

होटल संचालकों को राहत

  • होटल, चाय, पान, ठेला व रिक्शा चालने वालों का रोजगार पर्यटकों के आगमन पर बढ़ जाता है. भोजन, चाय के लिए शहर के आसपास कई छोटे दुकानदार हैं. करीब 10 कारीगर टोचल में खाना बनाने से लेकर हर कार्य करते हैं. होटल से 10 परिवार का गुजारा हो रहा है. – बबलू इंद्री, होटल संचालक, घाटशिला

  • हाइवे पर रंकिणी ढाबा चलाता हूं. 20 साल से होटल चल रहा है. पर्यटक के आगमन पर रोजगार बढ़ जाता है. पर्यटक के आगमन का समय होता है, तो होटल में स्टॉफ बढ़ाना पड़ता है. वैसे 15 से 20 परिवार मेरे होटल पर निर्भर हैं. सरकार को सुविधाएं बढ़ानी चाहिए. – मधु नमाता, ढाबा संचालक

पर्यटक बोले, सफाई बेहद जरूरी

  • कोलकाता के यादवपुर में रहते हैं. 23 से 26 दिसंबर तक घाटशिला में रहेंगे. पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे. अन्य राज्यों में जिस तरह पर्यटकों का निबंधन और बीमा होता है, वैसा झारखंड में नहीं है. प्लास्टिक के गिलास व पत्तल पर रोक की जरूरत है. डस्टबिन लगाना जरूरी है. सड़क चौड़ी होनी चाहिए. शौचालय व पानी की सुविधा जरूरी है. – शुभाश्री नाग, कोलकाता के पर्यटक

  • घाटशिला के पर्यटन स्थल पहले से काफी विकसित हुए हैं. हालांकि अब भी कई जगह खामियां हैं. पूरे परिवार के साथ तीन से चार दिन रुके थे. अधिक सफाई की पर ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके अलावा रोड को डबल करने की जरूरत है. कई जगहों पर देखा कि चार चक्का वाहन फंस जाता है. इसके बाद घंटों इंतजार करना पड़ता है. – राजेश सिंह, पर्यटक, कोलकाता

  • बीते तीन-चार दिनों से यहां पर रुके थे. अब परिवार के साथ कोलकाता लौट रहे हैं. पहले से निश्चित रूप से घाटशिला बदला है, लेकिन अब भी कई पर्यटन स्थलों की साफ-सफाई की जरूरत है. सफाई की बेहतर व्यवस्था नहीं है. शौचालय व पानी की सुविधा नहीं है. सड़क जिस तरह से होनी चाहिए, वैसी नहीं है. – विश्वजीत दास, पर्यटक

पर्यटकों के आगमन से रोजगार बढ़ा : नौका विहार संचालक

घाटशिला के बुरुडीह डैम की नौका विहार संचालन समिति के अध्यक्ष मंगल मार्डी ने कहा कि पर्यटकों के आगमन से रोजगार बढ़ा है. बुरुडीह पर्यटन स्थल और आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों परिवार को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. खाने पीने के होटल, चाय-नाश्ता का होटल, पान दुकान, हस्त निर्मित वस्तुओं की दुकान और पर्यटकों के लिए गाइड का काम कर रोजगार कर रहे हैं. नौका विहार से एक दर्जन परिवार को रोजगार मिल रहा है. झारखंड सरकार को बेहतर पहल करने की जरूरत है. मोटर संचालित दो और नौका व पैडल संचालित दो नाव की जरूरत है.

Also Read: पूर्वी सिंहभूम : झाड़ग्राम जीआरपी में तपन की हत्या का मामला दर्ज, छानबीन शुरू

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें