Chandra Grahan/Lunar Eclipse 2020: हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण लगना एक घटना मानी जाती है, जिसका अपना ज्योतिषीय महत्व भी है. इस साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लग रहे हैं, जिनमें से एक ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है, जो एक चंद्रग्रहण था और अब दूसरा ग्रहण 5 जून को लगेगा. पांच जून को जो ग्रहण लगेगा वो भी चंद्रग्रहण होगा. इस साल जून महीने में ही चंद्र और सूर्य दोनों ही ग्रहण लग रहा है. सूर्य ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, जहां विज्ञान की दृष्टि में ग्रहण का अपना अलग महत्व बताया गया है, उसी तरह ज्योतिष के अनुसार भी ग्रहण का एक अलग ही महत्व है. ग्रहण का असर सभी लोगों पर पड़ता है.
चन्द्रग्रहण उस घटना को कहते हैं जब चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की पूर्ण या आंशिक छाया चांद पर पड़ती है. इससे चांद बिंब काला पड़ जाता है. सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से देखने पर नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन चन्द्र ग्रहण को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है. इसे देखने के लिए किसी तरह के चश्मे की जरुरत नहीं पड़ती.
ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करती है, जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं, इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा (Umbra) में प्रवेश करता है. जब ऐसा होता है तब वास्तविक ग्रहण होता है, लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है, इसलिए उपछाया के समय चंद्रमा का बिंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं होता है. इस धुंधलापन को सामान्य रूप से देखा भी नहीं जा सकता है. इसलिए चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से ही इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं ना कि चंद्र ग्रहण.