झारखंड के हेमलाल महतो बना रहे हैं गोबर से इको फ्रेंडली ईंट, जानें क्या है इसकी खासियत

झारखंड गिरिडीह के रहने वाले हेमलाल महतो स्टार्टअप जेएसपीआर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड गोबर से ईंट बना रहा है. जो इको फ्रेंडली है. हेमलाल की ईंटों की गुणवत्ता पर आइआइटी आइएसएम जैसे संस्थान ने अपनी मुहर लगा दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2022 12:27 PM

गिरिडीह: गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के रहने वाले हेमलाल महतो का स्टार्टअप जेएसपीआर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड गोबर से ईंट बना रहा है. यह ईंट पूरी तरह से इको फ्रेंडली है. इससे बने घरों में रेडिएशन का असर काफी कम हो जाता है. साथ ही इससे तैयार घरों का तापमान सामान्य ईंटों से बने घरों की तुलना में 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है.

गोबर के इस्तेमाल से बनी ईंट काफी उच्च तापमान झेल सकती है. हेमलाल महतो की ईंटों की गुणवत्ता पर आइआइटी आइएसएम जैसे संस्थान ने अपनी मुहर लगा दी है. उन्होंने इस ईंट को संस्थान के विशेषज्ञों की देखरेख में विकसित किया है. अब वह इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर रहे हैं.

लाल व फ्लाइ ऐश की ईंट से काफी मजबूत है गोबर की ईंट

हेमलाल महतो दावा करते हैं कि उनकी गोबर की ईंट लाल व फ्लाइ ऐश की ईंट से काफी मजबूत है. साथ ही इनका वजन सामान्य ईंट से 40 प्रतिशत कम है. श्री महतो बताते हैं गोबर की ईंट की आयु सामान्य ईंट से कई गुणा अधिक है. इस ईंट से तैयार घर प्राकृतिक रूप से काफी गरमी के मौसम से ठंडा और सर्दी के मौसम में गर्म रहता है.

हालांकि वह कहते हैं कि उनकी इस ईंट की कीमत सामान्य ईंट से करीब 50 प्रतिशत अधिक है. इसके बाद भी वह दावा करते हैं कि इसका इस्तेमाल करने से घर का कुल निर्माण लागत कम पड़ता है. क्योंकि इसके इस्तेमाल के बाद सीमेंट की जरूरत कम मात्रा में पड़ती है. साथ ही वेदर कोट की जरूरत नहीं पड़ती है.

श्री महतो बताते हैं कि गोबर की ईंट को तैयार करने में कई तरह के सामान का उपयोग होता है. इसमें 70 से 75 प्रतिशत गोबर और शेष 25 फीसदी में चूना, मिट्टी, ग्वार आदि होता है. इस ईंट के लिए सिर्फ गोवंश (गाय या बैल) का गोबर बेहतर होता है.

साथ ही उनका स्टार्टअप वर्मी कंपोस्ट, कीटनाशक जैसे उत्पाद बनाता है. वह जैविक खेती को भी बढ़वा देते हैं. उनकी कंपनी जेएसपीआर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2018 में राज्य में कृषि पर आधारित बेहतरीन स्टार्टअप के रूप में चुना गया है. स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम के तहत यह प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी. इसके बाद उनके स्टार्टअप को आइआइटी आइएसएम में इंक्यूवेशन दिया गया.

आइआइटी आइएसएम ने दिया इंक्यूवेशन

हेमलाल महतो के स्टार्टअप को आइआइटी आइएसएम द्वारा संचालित अटल कम्यूनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआइसी) तकनीकी सहायता मुहैया कर रहा है. उनके स्टार्टअप को एसीआइसी में इंक्यूवेशन मिला हुआ है. साथ ही संस्थान की ओर से उनके स्टार्टअप को एक लाख रुपये का फंड दिया गया है. इस फंड से हेमलाल अपने नये उत्पाद तैयार करने और गु‌णवत्ता पर खर्च कर रहे हैं. अभी उनकी टीम में धनेश्वर महतो और अरुण कुमार हैं. यह उनके उत्पाद की मार्केटिंग में मदद कर रहे हैं. वह धनबाद के भूली के पास गोबर की ईंट के उत्पादन के लिए प्लांट शुरू कर रहे हैं.

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