पश्चिम बंगाल के कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि संदेशखाली में छापेमारी की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उनके विरुद्ध कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जा सकता है. ईडी ने कहा है कि पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी की टीम पर हुए हमले में उसके तीन अधिकारी घायल हो गए और उनका सामान छीन लिया गया.हमला उस वक्त हुआ जब वे राज्य की राशन वितरण प्रणाली में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में छापेमारी के लिए शाहजहां शेख के घर गए थे.
ईडी के वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि उसे पता चला है कि घटना के संबंध में चार मामले दर्ज किये गये हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से एक ईडी ने अपने अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर दर्ज कराया है और अन्य मामले उसके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने मौखिक रूप से निर्देश दिया कि शेख के परिसर की तलाशी के लिए संदेशखाली गए ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी के संबंध में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा सकता.
पिछले शुक्रवार को संदेशखाली में जिस शाहजहां शेख के घर पर ईडी ने छापेमारी की थी, वहां के एक कर्मचारी ने केंद्रीय जांच एजेंसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शाहजहां के कर्मचारी ने आरोप लगाया कि ईडी अधिकारियों ने बिना किसी वैध सर्च वारंट के तृणमूल नेता के घर का ताला तोड़ दिया. शाहजहां की कर्मचारी ने भी ईडी अधिकारियों के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत नजात पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी.इसके अलावा नजात पुलिस स्टेशन में दो और एफआईआर दर्ज की गईं है. ईडी ने घटना के कई वीडियो भी पुलिस को सौंपे. दूसरी ओर पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और स्वत: संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की.जिला पुलिस सूत्रों के मुताबिक हर शिकायत की जांच की जा रही है.
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