शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार अयन सिल को न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद उसे मंगलवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अयन की न्यायिक हिरासत की अवधि 25 अप्रैल तक बढ़ा दी. इडी की तरफ से अदालत में बताया गया कि अयन से पूछताछ करने के अलावा जो सबूत अबतक की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के हाथ लगे हैं, उसमें यह खुलासा हुआ है कि घोटाले में राज्य के एक बड़े सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं.
शिक्षक भर्ती घोटाले में वह भी बुरी तरह से फंसे हैं. अदालत सूत्रों के मुताबिक इस दिन इडी ने यह भी दावा किया कि अयन के बेटे अभिषेक सिल ने इस सरकारी अधिकारी की बेटी के साथ पार्टनरशिप में एक कंपनी खोली थी. इस कंपनी के जरिये भ्रष्टाचार के काले धन को सफेद किया जाता था. मंगलवार को इडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अदालत में कहा कि, अयन के बेटे अभिषेक सिल ने पार्टनरशिप में जो कंपनी खोली थी, उस कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो के पास एक पेट्रोल पंप खरीदा था.
इसके अलावा, वह कंपनी कई अन्य व्यवसाय में भी शामिल थी. उस कंपनी के जरिये शिक्षक भर्ती घोटाले से अवैध तरीके से मिले भ्रष्टाचार के काले धन को सफेद किया जाता था. इधर, अयन के वकील ने धोखाधड़ी की इस घटना में सरकारी अधिकारी की संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि अयन को बेवजह फंसाया जा रहा है. इसके साथ अब इस सरकारी अधिकारी को भी फंसाया जा रहा है. अदालत इडी की इस कहानी में न फंसे और उनके मुवक्किल को जमानत दे. कोर्ट ने अयन को 25 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
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इडी के वकील ने अदालत में कहा कि माननीय सर, आप केस डायरी को देख लें. इस केस डायरी में कई प्रभावशाली लोगों के नाम मौजूद हैं. जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. इडी की तरफ से किये गये इस आवेदन के बाद न्यायाधीश ने उस केस डायरी में प्रभावशाली लोगों के नाम देखे.