Agra News: आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस व बीएएमएस परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के बहुचर्चित मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. ईडी ने मामले में प्रोफेसर समेत अन्य के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. जल्दी ही अदालत आरोप पत्र को संज्ञान में लेगी. अभी अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण अदालत ने मामला संज्ञान नहीं लिया है.
ईडी मामले में कार्यदायी संस्था डिजिटेक्स टेक्नोलाजी के संचालक डेविड मारियो डेनिस की गिरफ्तारी के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर अपनी पड़ताल को आगे बढ़ा रही है. प्रकरण में छात्र नेता राहुल पाराशर और टेंपो चालक देवेंद्र को गिरफ्तार किया था,
इसके बाद शैलेंद्र उर्फ शालू निवासी जयराम बाग कॉलोनी दयालबाग, उमेश निवासी शारदा विहार बोदला, भीकम निवासी छलेसर, शिवकुमार दिवाकर निवासी थाना पचोखरा फिरोजाबाद और डॉक्टर अतुल को गिरफ्तार किया गया. साथ ही कॉपी लिखने वाले पुनीत और दलाल दुर्गेश को भी अपनी गिरफ्त में लिया गया.
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प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया है कि इस पूरे मामले में छात्र नेता राहुल पाराशर अकेला नहीं है. बल्कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की मदद से कॉपियां बदली जा रही थीं. फार्मेसी, कॉलेज, एजेंसी से लेकर मूल्यांकन केंद्र के तीन कर्मचारी छात्र नेता के लिए काम कर रहे थे.
इसके बाद शैलेंद्र बघेल उर्फ शैलु, उमेश, भीकम सिंह और शिवकुमार को गिरफ्तार किया गया. शिव कुमार विश्वविद्यालय का पूर्व कर्मचारी था. वह पूर्व में ऑटो चलाता था. नौकरी छोड़ने के बाद राहुल पाराशर के साथ काम करने लगा. बाद में वह एमबीबीएस की कापी बदलवाने और नंबर बढ़वाने का काम करने लगा था.
आगरा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएएमएस की परीक्षा कॉपियां विश्वविद्यालय के आधिकारिक वाहन द्वारा ले जाए जा रही थी. छात्र नेता राहुल पाराशर और परीक्षा माफिया ने रास्ते में ही इन कॉपियों को बदल लिया. इसकी सूचना पर विश्वविद्यालय के अधिकारी पहुंचे और उन्होंने पुलिस को पूरे प्रकरण की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसी कड़ी में कई आरोपी गिरफ्तार होते चले गए. इसके बाद एसआईटी ने भी विश्वविद्यालय में इस प्रकरण की जांच की थी.
कहा जा रहा है कि कई रिक्त उत्तर पुस्तिकाओं पर परीक्षा नियंत्रक और शिक्षकों के हस्ताक्षर मिले थे. इसे लेकर उनसे सवाल-जवाब किए गए. इसके अलावा ईडी ने मारियो की कंपनी में निदेशक रहीं नौशाब के अलावा अमित कुमार सिंह व एक अन्य व्यक्ति से पूछताछ की है.
ईडी ने एमबीबीएस व बीएएमएस की उत्तर पुस्तिकाएं बदलने वाले गिरोह के विरुद्ध करीब एक वर्ष पूर्व प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच आरंभ की थी. ईडी आरोपितों के लखनऊ, आगरा, कानपुर, कासगंज, फीरोजाबाद व दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है. छानबीन के बाद ईडी ने बीते माह डेविड मारियो के अलावा समाजवादी छात्रसभा के नेता राहुल पाराशर व टेंपो चालक देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार था.
आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर लंबी पूछताछ की गई. कहा जा रहा है कि ईडी ने कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिसके आधार पर अन्य आरोपितों की भूमिका की गहन पड़ताल की जा रही है. उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के मामले में आगरा विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति विनय कुमार पाठक के निर्देश पर अगस्त 2022 में हरीपर्वत थाने में नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें आगरा पुलिस आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.
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कहा जा रहा है कि ईडी की पूछताछ में छात्रों ने यह भी स्वीकार किया है कि विषय में उत्तर पुस्तिका बदलने का एक से डेढ़ लाख रुपए वसूलता था. ईडी ने मामले में कई छात्रों के बयान दर्ज किए हैं. मारियो की कंपनी के कई अन्य अधिकारियों व कर्मियों की मुश्किलें भी जल्द बढ़ सकती हैं. ईडी मारियो की बेनामी संपत्तियों का पता लगाने का प्रयास भी कर रहा है.