पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस (
Bharatiya Janata Party and Congress) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर स्थानीय लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है. ईडी राशन वितरण घोटाले की जांच के संबंध में शाहजहां के उत्तर 24 परगना जिला स्थित आवास पर छापा मारने पहुंचे थे. शाहजहां को राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है, जिसे घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था. इस घटना पर प्रतिक्रिया जताते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों को केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को उचित सुरक्षा और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए लेकिन, पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं हुआ है. ईडी अधिकारियों पर हमला राज्य के संघीय ढांचे पर हमला है.
प्रमाणिक ने कहा, “केंद्र ने इसे गंभीरता से लिया है और हम यह भी देखेंगे कि पश्चिम बंगाल में ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं.” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हमले की तत्काल एनआईए से जांच कराने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का आग्रह किया है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘चूंकि संदेशखली में ईडी अधिकारियों पर जघन्य हमले के बाद तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किये जाने के कारण पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है, इसलिए मैंने माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी को पश्चिम बंगाल के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मामले की एनआईए जांच शुरू करने के लिए पत्र लिखा है.
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मजूमदार के पत्र में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच प्रक्रियाओं की सुचिता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की भी मांग की गई है. कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इसी तरह की बात कही और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में बंगाल में कानून-व्यवस्था खत्म हो गई है. उन्होंने कहा, हम मांग करते हैं कि पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.
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इस बीच, तृणमूल कांग्रेस मंत्री शशि पांजा ने ईडी अधिकारियों पर स्थानीय लोगों को भड़काने का आरोप लगाया, जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई. पांजा ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने संघीय ढांचे पर हमले के बारे में बात की. पश्चिम बंगाल का बकाया रोकना वास्तविक अर्थों में संघीय ढांचे पर हमला है. टीएमसी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना करते हुए दावा किया कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है.
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