कालीघाटेर काकू के दामाद के फ्लैट पर ईडी का छापा और दो अन्य जगहों पर ईडी ने चलाया तलाशी अभियान

ईडी ने कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट में दायर आरोप पत्र में दावा किया कि सुजॉय ने काले धन को सफेद करने के लिए अपनी बेटी और दामाद का भी इस्तेमाल किया था. सुजयकृष्ण के निर्देश पर कोलकाता के भवानीपुर में करीब ढाई करोड़ रुपये में एक फ्लैट खरीदा था.

By Shinki Singh | August 21, 2023 2:55 PM
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पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सोमवार की सुबह ईडी ने शिक्षक भर्ती मामले में कोलकाता और उसके आस-पास के तीन स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इसमें भवानीपुर और न्यू अलीपुर के पते शामिल हैं. शिक्षक भर्ती मामले के आरोपियों में से एक ‘कालीघाटर काकू’ उर्फ ​​सुजयकृष्ण भद्र की बेटी परमिता चट्टोपाध्याय और दामाद देवरूप चट्टोपाध्याय भवानीपुर के ली रोड स्थित आवास पर ईडी ने छापेमारी अभियान चलाया. वहीं न्यू अलीपुर में जहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया वह एक कंपनी का दफ्तर है. जांचकर्ताओं के सूत्रों के मुताबिक सुजॉय उस संगठन में ‘नियंत्रक’ की भूमिका में थे. तीसरा पता दक्षिण 24 परगना के बिष्णुपुर-2 ब्लॉक में संजुआ है. जांचकर्ताओं के सूत्रों का दावा है कि सुजॉय उस पते की संस्था से जुड़े हुए हैं.

ईडी का दावा सुजॉय ने काले धन को सफेद करने के लिए दामाद का किया इस्तेमाल

ईडी ने कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट में दायर आरोप पत्र में दावा किया कि सुजॉय ने काले धन को सफेद करने के लिए अपनी बेटी और दामाद का भी इस्तेमाल किया था. 126 पन्नों की चार्जशीट के पेज नंबर 83 के मुताबिक देवरूप चट्टोपाध्याय नाम के शख्स ने सुजयकृष्ण के निर्देश पर कोलकाता के भवानीपुर में करीब ढाई करोड़ रुपये में एक फ्लैट खरीदा था. यह सुजयकृष्ण की बेटी परमिता चटर्जी के पति के नाम से लिया गया था. आरोपपत्र के मुताबिक सुजयकृष्ण को फ्लैट खरीदने के लिए दिबाकर खेमका नाम के शख्स और उसकी सहायक कंपनी से करीब 26 लाख रुपये का कर्ज मिला था. ईडी के मुताबिक, ‘कालीघाटर काकू’ ने ‘वेल्थ विजार्ड’ नाम की कंपनी से 45 लाख रुपये का और कर्ज लिया था. ईडी का दावा है यह संस्था सुजयकृष्ण के अधीन है. आरोपपत्र में कंपनी पर भी आरोप लगाया गया है.

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सुजयकृष्ण ने कंपनी से उधार लिया पैसा सरकारी बैंक में किया था जमा

ईडी ने दावा किया है कि देवरूप ने एक निजी बैंक खाते से नए फ्लैट के लिए पैसे निकाले थे. दूसरी ओर सुजयकृष्ण ने कंपनी से उधार लिया गया पैसा एक सरकारी बैंक में जमा कर दिया था. आरोपपत्र के मुताबिक दामाद देवरूप ने स्वीकार किया है कि फ्लैट खरीदने के लिए उसे सुजयकृष्ण की मदद मिली थी.

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