TMC नेता शेख शाहजहां के आवास पर दूसरी बार ईडी की छापेमारी, ताला तोड़कर घर में दाखिल हुई टीम
बंगाल में ईडी की टीम फिर से सक्रिय हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने तृणमूल नेता शेख शाहजहां के घर दूसरी बार छापेमारी की है. 19 दिन पहले भी ईडी की टीम शेख शाहजहां के घर छापेमारी करने पहुंची थी, तब स्थानीय लोगों ने ईडी पर हमला कर दिया था.
ED Action in West Bengal: पश्चिम बंगाल में ईडी एक बार फिर एक्शन मोड में आ गई है. बुधवार, 24 जनवरी की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केंद्रीय बल के साथ उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर पर छापा मारा है. आज से ठीक 19 दिन पहल यानी 5 जनवरी को भी ईडी के अधिकारियों ने शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी की थी. उसी समय ईडी पर हमला किया गया था. मामला पीडीएस घोटाला से जुड़ा है. इस घोटाले में टीएमसी नेता शेख शाहजहां की भूमिका की जांच के लिए ईडी कार्रवाई कर रही है. आज सुबह ईडी की टीम संदेशखाली में शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी करने पहुंची, तो घर बंद मिला, जिसके बाद चाबी वाले की मदद से 2 ताले तोड़कर ईडी के अधिकारी घर में दाखिल हुए. घर में घुसने के बाद से टीम शाहजहां के घर के अंदर चारपाई, अलमारी सब कुछ देख रही है. बता दें कि शाहजहां के घर के अंदर कुल 13 लोग दाखिल हुए हैं, जिसमें 6 अधिकारी, 2 स्थानीय गवाह, 3 ईडी गवाह, एक ताला तोड़ने वाला और एक ईडी वीडियोग्राफर हैं.
शंकर आध्या हो चुके हैं गिरफ्तार
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में हुए अलग-अलग भ्रष्टाचार के मामलों में से एक राशन वितरण घोटाले की जांच भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. राशन घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम ने 5 जनवरी 2024 को राज्य में अलग-अलग जगहों में राजनीति से जुड़े लोगों, व्यवसायियों व अन्य के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. इस दिल भी ईडी के अधिकारी उत्तर 24 परगना के संदेशखाली स्थित सरबेड़िया के निवासी तृणमूल कांग्रेस के नेता, राशन और डीलरव्यवसायी शेख शाहजहां के आवास पर जांच के लिए पहुंचे थे, जहां ईडी अधिकारियों और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के जवानों पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गयी. मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया. उनके कैमरे व मोबाइल फोन तोड़ दिये. ईडी अधिकारियों और जवानों ने वहां से किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी. इस हमले के बाद ईडी की टीम एक्शन मोड में आ गई और दूसरे दिन यानी 6 जनवरी को बोंगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया.
क्या है राशन घोटाला
राशन वितरण घोटाला, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. वर्ष 2020 में राशन वितरण में भ्रष्टाचार का पहला आरोप लगा था. 2020 से 2022 के बीच नदिया जिले में तीन मामले दर्ज किये गये थे. उसी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्ष 2022 में ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन 2023 में इस घोटाले के पैमाने व वित्तीय आकार के खुलासे से लोगों को हैरत में डाल दिया. जांच के साथ घोटाले का दायरा एक हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा होता दिखने लगा है. इस मामले में भी तृणमूल कांग्रेस को झटका लगा है. वह ऐसे कि मामले की जांच के तहत ईडी ने पूर्व खाद्य मंत्री व मौजूदा वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया. उनके पहले करीबी माने जाने वाला व्यवसायी बकीबुल रहमान उर्फ बकीबुर भी दबोचा जा चुका है. दोनों ही न्यायिक हिरासत में हैं. हालांकि, गिरफ्तार मंत्री मलिक फिलहाल एसएसकेएम अस्पताल में चिकित्साधीन हैं.
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